प्रयागराज। अवैध दवाओं की तस्करी के मामले बढ़ते ही जा रहें है। करेली में पुलिस ने कफ सिरप की 9600 शीशियां बरामद करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया। दवाएं पिकअप में आलू की बोरियों के नीचे छिपाकर ले जाई जा रही थीं। पूछताछ में यह बात सामने आई है कि वह दवाओं की खेप को मध्य -प्रदेश के रीवा ले जा रहे थे। पुलिस देर रात तक दोनों से पूछताछ में जुटी रही। करेली पुलिस केमुताबिक, पकड़े गए दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह दवाओं की खेप एमपी के रीवा में ले जा रहे थे।

दवाएं जिस पिकअप में ले जाई जा रही थीं, उस पर एमपी का ही रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा था। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने यह दवाएं रामबाग से वाहन में लोड की थीं। हालांकि जब उन्हें लेकर पुलिस पहुंची तो वहां गोदाम नहीं मिला। पुलिस देर रात तक उनसे पूछताछ में जुटी रही लेकिन उन्होंने गोदाम का सही पता नहीं बताया। चेकिंग के दौरान करेली पुलिस ने करेलाबाग बालू मंडी में पिकअप को रुकने का इशारा किया तो चालक वाहन समेत भागने लगा। इस पर उसे खदेड़कर पकड़ा गया।

तलाशी ली गई तो आलू की बोरियों केनीचे कप सिरप की कुल 60 पेटियां मिलीं। चालक व क्लीनर बरामद दवाओं के संबंध में कोई कागजात नहीं दिखा पाए। जिसके बाद उन्हें थाने लाया गया। पुलिस के मुताबिक, यहां पूछताछ में पता चला कि वह अवैध दवा तस्कर गिरोह केसदस्य हैं। दोनों ने अपना नाम सूरज रविदास निवासी करेलाबाग और प्रवीण श्रीवास्तव निवासी मीरापुर अतरसुइया बताया। 60 पेटियों में कुल 9600 शीशी कप सिरप भरी हुई थीं। करेली पुलिस की सूचना पर औषधि निरीक्षक दिव्यप्रकाश मौर्य भी थाने पहुंचे। उन्होंने बताया कि सिरप पर लगे लेबल को देखने से पता चलता है कि यह इसमें कोडीन फॉस्फेट नामक तत्व है जो नारकोटिक्स ड्रग्स की श्रेणी में आता है। इसे बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं बेचा जा सकता।