बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। बिलासपुर समेत देश की आठ दवा कंपनियों की लापरवाही सामने आई है। इन आठ कंपनियों ने केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना पूरे देश के बाजारों में इंफेक्शन, डायबिटीज, आयरन, कैल्शियम, फंगस और बीपी- हार्ट की दवा बेचने के लिए उतार दी। नियमों के अनुसार इन्हें सेंट्रल ड्रग स्टैंटर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन से दवाओं की जांच और इसकी जानकारी देना अनिवार्य है। इसके बावजूद इसका पालन नहीं किया गया है। इससे इन दवाओं के खाने के बाद मरीजों में किसी भी प्रकार का खतरा बना हुआ है। इसी के मद्देनजर ड्रग कंट्रोलर ने इस दवा की बिक्री पर पाबंदी लगाकर कंपनियों को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा ड्रग इंस्पेक्टर को मेडिकल स्टोर में जांच करने के निर्देश दिए हैं। बिलासपुर में इसकी जांच शुरू हो चुकी है। इससे पहले देशभर के बाजारों में बड़ी कंपनी के नाम पर नकली दवाओं के कारोबार की बात सामने आई थी। आंध्रप्रदेश में बच्चों को टाइफाइड में इस्तेमाल एक कंपनी की हू-ब-हू दवा पकड़ाई और हडक़ंप मचा। बिलासपुर में भी इसके होने की आशंका थी। इसके कारण सरकार ने रायपुर और बिलासपुर के इसकी जांच करने के निर्देश दिए थे। तभी से दवाओं में चल रही गड़बड़ी की जांच चल रही थी।

इसी दौरान केंद्र को पता चला कि कुछ जरूरी दवाएं बिना सरकारी परमिशन के बाजारों में बिक रही है। इन दवाओं के निर्माता ने कई तरह के नियमों की अनदेखी कर इन्हें बेचने के लिए भेज दिया है। जो किसी भी मरीज के लिए कभी भी घातक हो सकती है। यही वजह थी कि केंद्र ने इसी सजगता से जांच कराई और कोई महीनेभर की पड़ताल में उन्हें इन दवाओं के नाम और गड़बड़ी का पता चल गया। कंपनियों को कार्रवाई की चेतावनी और सूचना के बाद देशभर में इन मेडिसिन की बिक्री नहीं हो पाए इसकी व्यवस्था की गई। सभी ड्रग कंट्रोलर और दूसरे अधिकारियों को इन दवाओं की लिस्ट भेजकर बाजारों में जांच के बाद दवाओं के लॉट कंपनियों को वापस भेजने को लिखा गया है।

बिलासपुर में इसकी जांच शुरू हो चुकी है। असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर ने ड्रग इंस्पेक्टरों को जगह-जगह भेजना शुरू कर दिया है। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने जनवरी के ड्रग अलर्ट में देश की 31 फार्मा कंपनियों की दवाओं पर रखी थी। इनमें दस दवाएं हिमाचल के उद्योगों में बनी मिलीं। इनमें से कुछ दवाएं ब्लड शुगर, सर्दी जुकाम व जोड़ों के दर्द में प्रयोग की जाती हैं। सीडीएससीओ ने सभी कंपनियों को खराब बैच वापस मंगवाने व नष्ट करने के आदेश दिए थे। इन दवाओं के सैंपल जनवरी में देश भर से लिए गए थे। इस दौरान ही इन दवाओं में गड़बड़ी पाई गई है। बिलासपुर के असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर राजेश क्षत्रिय ने बताया कि ड्रग कंटोलर और सीडीएससीओ की ओर से हमें आठ दवाओं की सूची मिली है। इन्हें सरकार की परमिशन के बगैर बाजारों में उतार दिया गया है। ऐसा करना मरीजों के लिए खतरे का संकेत है। इसके चलते बिलासपुर में इसकी जांच शुरू हो चुकी है। कंपनियों को नोटिस भेजकर दवाएं मिलीं तो इसके लॉट कंपनी को भेजे जाएंगे।