रायपुर: निलंबित लाइसेंस को बहाल करने की एवज में 80 हजार रुपये रिश्वत के आरोप में राज्य के दुर्ग जिलें में पदस्थ सहायक औषधि नियंत्रक रविंद्र गेंदले एंटी करप्शन ब्यूरो के हत्थे चढ़ गए। अधिकारी को उस वक्त पकड़ा जब वे अपने नुमाइंदे के मार्फत रिश्वत का पैसा मेडिकल स्टोर संचालक से रकम वसूल रहे थे। आरोपी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार नियंत्रण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि उक्त अधिकारी राज्य में औषधि निरीक्षकों की नई नियुक्तियों के पश्चात राज्य के महासमुंद से पदोन्नत होकर दुर्ग जिलें में सहा. औषधि नियंत्रक के पद पर पिछलें वर्ष के आखिरी माह में पदस्थ हुए थे। एंटी करप्शन ब्यूरों के अधिकारी डी.एन. शर्मा के अनुसार आरोपी सहा. औषधि नियंत्रक ने धमधा थाना अंतर्गत ग्राम गोबरा निवासी साई मेडिकल स्टोर के संचालक प्रार्थी ओमप्रकाश साहू से निलंबित मेडिकल सटोर की बहाली के लिए रिश्वत की मांग की थीं। उक्त मेडिकल स्टोर का औषधि विभाग के अधिकारियों ने जून माह में निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान मेडिकल संचालक दुकान में रखी दवाओं केेे बिल प्रस्तुत नहीं कर पाया। उसे जल्द से जल्द तमाम दवाओं के बिल प्रस्तुत करनें कहा गया अन्यथा लाइसेंस निरस्त करनें की चेतावानी दी गई। निरीक्षण के कुछ दिनों बाद मामलें को सुलझाने के नाम पर उक्त अधिकारी ने प्रार्थी से 15 हजार रुपए ले लिए, लेकिन मामले को लटकाए रख और अगस्त माह में मेडिकल का लाइसेंस निलंबित कर दिया और मामले को पूरा सुलझाने के लिए 80 हजार रूपए और लाने को कहा और उसे दुर्ग स्थित औषधि विभाग के दफ्तर में बुलाया।
मेडिकल संचालक ने उक्तसारी जानकारी एंटी करप्शन ब्यूरों को दे दी। मेडिकल संचालक की शिकायत पर एंटी करप्शन दल दुर्ग पहुंचा। आरोपी अधिकारी ने उक्त रिश्वत की रकम 80 हजार रूपए स्वयं न लेकर औषधि विभाग के दफ्तर के नीचे स्थित थोक दवा दुकान में उक्तरिश्वत के लिफाफे को देने को कहा। एंटी करप्शन ब्यूरों ने आरोपी अधिकारी की मौजूदगी में रिश्वत की रकम के लिफाफे को उक्त थोक दवा दुकान से जब्त कर सहा. औड्ढधि नियंत्रक को गिरफ्तार कर लिया।