अम्बाला। एचएससीडीएए यूनिट ऑफ एआईओसीडी रजि. की राज्य स्तरीय बैठक में रिटेल व होलसेल स्तर की समस्याओं पर गहन विचार विमर्श किया गया और ठोस निर्णय लेने पर सहमति बनी। कई दवा निर्माता कम्पनियां होलसेलर को ताक पर रख सीधे अस्पतालों को दवा आपूर्ति का कार्य करती हैं जिससे होलसेलरों को आर्थिक चपत लगती है, वहीं औषधि एवं प्रसाधन अधिनियमों की खुलेआम उल्लंघना भी होती है।
एचएससीडीए के राज्य महासचिव अशोक सिंगला ने राज्यभर से आए 17 जिलों के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि मनमानियां करने वाली औषधि निर्माता कम्पनियों की सूची बना कर भेजें। उन्हें राज्य कार्यालय में बुलाकर निर्देशित किया जाएगा कि होलसेलरों व रिटेलरों के हितों से खिलवाड़ किसी भी सूरत में अस्वीकार्य है। अम्बाला रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन के महासचिव संदीप शर्मा व वरिष्ठ सदस्य रमेश कौशिक ने मुद्दा उठाया था कि अधिकतर होलसेलर भी सीधा रिटेल करते रहते हैं जिससे रिटेलर आर्थिक शोषण व ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट की खुलेआम उल्लंघना भी होती है। इस पर सिंगला ने कहा कि अपने संगठन के माध्यम से लिखित रूप में शिकायत दें, आगामी दिनों में रिटेलरों के हित में बड़ा निर्णय लिया जाएगा। संगठन की शक्ति को और बढ़ाने के लिए जल्द ही सब कमेटियों का गठन किया जाएगा । संगठन के राष्ट्रीय कार्यालय से प्राप्त दिशा-निर्देशों पर अमल करते हुए जिन जिलों के चुनाव को अरसा हो गया और वे पदाधिकारी अब निष्क्रिय हैं, उन जिलों को क्रियाशील एवं सदस्यों को जागरूक कर संगठन को और सुदृढ़ करने के लिए फरीदाबाद के जिला स्तरीय चुनावों के लिए रमेश गुप्ता को कन्वीनर बनाया गया।
गुरुग्राम में जिला चुनावों का जिम्मा राकेश मित्तल को कन्वीनर के रूप में दिया गया। संगठन से अछूते दो अन्य जिलों को 30 से 45 दिनों में सक्रिय करने का भी निर्णय लिया गया। इस मौके पर राज्य औषधि वितरकों से संगठन की संगठनात्मक एकता को ताक पर रख किए जाने वाले कार्यों की बड़ी संख्या में शिकायतें मिली। इस पर निकटतम भविष्य में राष्ट्रीय संगठन के माध्यम से कम्पनियों की मनमानियों पर अंकुश लगवा होलसलरों को समान नजरिये से दवा आपूर्ति का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
रिटेलरों ने कहा कि अवधि समाप्त दवाओं को वापस करने पर कई बार एक वर्ष का समय लगने के साथ अंकित मूल्य से भारी कांटछांट कर ली जाती है। इस पर राज्यभर के होलसलरों से कहा गया कि जब निर्माता कांटछांट नही करता तो वे भी रिटेलरों को पूरा लाभांश दें।