मोगा। ड्रग विभाग मोगा ने जेपी हर्बल फार्मेसी फैक्ट्री के मालिकों के खिलाफ अदालत में ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत केस दर्ज कराया है।
ड्रग इंस्पेक्टर सोनिया गुप्ता ने कहा कि उन्होंने फैक्ट्री व घर से बरामद किए गए रॉ मैट्रीरियल के बारे में दो अलग-अलग केस दायर करने की मंजूरी विभाग से मांगी थी। विभाग ने एक केस की अप्रूवल भेज दी है, जिसके चलते उन्होंने अदालत में केस दायर कर दिया है, जबकि दूसरे मामले में अप्रूवल आते ही दूसरा केस भी अदालत में दायर कर दिया जाएगा। बता दें कि आयुर्वेदिक दवाइयों की आड़ में एलोपेथिक रॉ मैटीरियल का प्रयोग करने वाले फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ आयुर्वेदिक विभाग ने भी दो केस अदालत में दायर करने की प्रक्रिया जारी की है। जैसे ही विभाग की अनुमति मिलेगी, तीन अन्य केस फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ अदालत में दायर कर दिए जाएंगे। इससे फैक्ट्री मालिकों पर कानूनी गाज गिरना लगभग तय हो गया है।
गौर रहे कि बीती 18 मार्च को एसटीएफ चंडीगढ़, बङ्क्षठडा व मोगा टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए स्थानीय दत रोड पर स्थित डॉ. गुरबचन ङ्क्षसह के घर पर दबिश दी थी। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि डॉक्टर गुरबचन और उसके दो बेटे मादक पदार्थों की तस्करी करते हैं, लेकिन घर की तलाशी लेने पर एसटीएफ की टीम को दवाइयों की कुछ संदिग्ध पुडिय़ा बरामद हुई। इस पर टीम ने तुरंत ड्रग व आयुर्वेदिक विभाग की टीम को मौके पर बुला लिया। इस दौरान ड्रग तथा आयुर्वेदिक विभाग ने पुडिय़ों के सैंपल भरे थे। वहीं, इसी बीच डॉक्टर गुरबचन का एक बेटा हरङ्क्षजदर ङ्क्षसह विक्की मौके पर भागने लगा तो पुलिस टीम ने उसे ही दबोच लिया। पूछताछ करने पर एसटीएफ को पता चला कि मजिस्टिक रोड पर डॉक्टर गुरबचन ङ्क्षसह की एक हर्बल फैक्ट्री भी है, जिसके बाद टीम ने फैक्ट्री में दबिश देकर वहां से ङ्क्षक्वटलों के हिसाब से आयुर्वेदिक दवा का संदिग्ध रॉ मैट्रीरियल बरामद कर लिया। यहां से भी ड्रग व फूड विभाग की टीम ने रॉ मैट्रीरियल के सैंपल लेकर रॉ मैटीरियल को सील कर दिया था। जानकारी के अनुसार डॉ. गुरबचन ङ्क्षसह ङ्क्षसह समेत उसके बेटों को विभाग पार्टी बनाकर अदालत में केस दायर करने जा रही है।