जालंधर। करीब पांच वर्ष पहले स्वास्थ्य विभाग ने मुकेरियां स्थित एक मेडिकल एजेंसी से एंटीबायोटिक्स दवाइयों के सैंपल भरे थे, जोकि टेस्ट में फेल पाए गए हैं। ये दवाइयां मिडाक्स लाइफ साइंसेज द्वारा निर्मित थी। उक्त सैंपल फेल होने पर जिला अदालत ने कंपनी के उत्पादक, कैमिस्ट नरिंद्र मोहन निवासी भनौट को सात साल कैद के साथ-साथ तीन लाख रुपए जुर्माना आदा करने का हुकम सुनाया। जुर्माना अदा न करने पर एक साल अतिरिक्त कैद की सुजा का प्रावधान भी सुनाया गया है। बता दें कि होशियारपुर के सिविल सर्जन और जोनल लाइसेंस अथॉरिटी राजेश सूरी के आदेश पर तत्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर परमिन्दर सिंह ने सैंपल भरने की कार्रवाई को अंजाम दिया था। स्टेट लेबोरेट्री से सैंपल फेल होने पर उक्त कंपनी के खिलाफ याचिका दायर की गई थी।