रुडक़ी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की शिकायत पर माधोपुर स्थित एक दवा फैक्ट्री सील करने पहुंची प्रशासन की टीम को कई खामियां मिलीं। बैंक की ओर से सील गई फैक्ट्री में टीम पहुंची तो अंदर इंजेक्शन बनाए जा रहे थे। प्रशासन की टीम ने फैक्ट्री को दोबारा सील कर दिया। साथ ही मौके पर ड्रग्स इंस्पेक्टर को बुलाकर इंजेक्शनों की जांच कराई। वहीं, ड्रग्स इंस्पेक्टर ने फैक्ट्री का लाइसेंस कैंसिल करने की रिपोर्ट तैयार कर भेज दी है।
जानकारी अनुसार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पिछले कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि माधोपुर स्थित रिहान फार्मासिटिकल नाम से एक फैक्ट्री चल रही है। इसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों की अनदेखी की जा रही है। बोर्ड की ओर से इस मामले में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल से की थी। शिकायत पर जेएम ने प्रशासनिक टीम को मौके पर भेजकर फैक्ट्री सील करने के निर्देश दिए। इस पर एएसडीएम रवींद्र सिंह के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम माधोपुर पहुंची।
जहां टीम को पता चला कि फैक्ट्री पहले भी सील की जा चुकी है। बकाया जमा नहीं करने पर बैंक ने पहले ही फैक्ट्री को सील कर दिया गया था। इसके बाद भी फैक्ट्री के अंदर काम हो रहा था। फैक्ट्री में कर्मचारी इंजेक्शन बनाने का काम कर रहे थे। जबकि कई इंजेक्शन धूप में रखे हुए थे। इस पर एएसडीएम ने ड्रग्स इंस्पेक्टर नीरज कुमार को मौके पर बुलाया। साथ ही इंजेक्शनों की जांच करने की बात कही। इस दौरान इंजेक्शनों की जांच को लेकर एएसडीएम और ड्रग्स इंस्पेक्टर में नोकझोंक हो गई। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इस दौरान एएसडीएम ने ड्रग्स इंस्पेक्टर को फैक्ट्री संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की बात कही। साथ ही फैक्ट्री को बंद कराकर दोबारा सील कर दिया।