हनुमानगढ़। रावतसर के एक मेडिकल स्टोर का लाइसेंस सस्पेंड होने के बाद रिटेल और होलसेल दवा विक्रेता आमने-सामने हो गए हैं। इसमें होलसेलर जहां बिना बिल व चालान के दवा रखने के लिए दबाव बना रहे हैं, वहीं रिटेलर केमिस्ट इसका विरोध कर रहे हैं। इस बीच जिला केमिस्ट एसोसिएशन ने केमिस्टोंं को बिना चालान व बिल के दवा नहीं रखने का आह्वान किया। पदाधिकारियों का कहना है कि कुछ होलसेलर यह साजिश रच रहे हैं जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में हस्तक्षेप से बचते नजर आ रहे हैं। केमिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष प्रेम सेतिया ने जिला के सभी केमिस्टों को जारी पत्र में कहा कि कुछ होलसेलर दवा विक्रेताओं ने अपने व्यवसाय को सुरक्षित रखने के लिए चालान व बिल नहीं देने का निर्णय लिया है। अध्यक्ष का कहना है कि बिना चालान व बिल के दुकान में दवा रखने पर रिटेलर ड्रग एक्ट की पेचीदगियों में उलझ सकते हैं। ऐसे में खुद को बचाने के लिए होलसेलर इस तरह की साजिश रच रहे हैं। जानकारी अनुसार जिले में 15 सौ से अधिक दवा व्यापारी हैं। इसमें रिटेल मेडिकल स्टोर 1300 एवं होलसेलर करीब 200 हैं।
गौरतलब है कि सहायक औषधि नियंत्रक ने बीते माह रावतसर के किसान मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निलंबित किया था। केमिस्ट ने ऑनलाइन दवा बिलों को ऑफलाइन फाइल में नहीं लगाया था। हालांकि बाद में पता चला कि होलसेलर की ओर से 26 तारीख को सप्लाई की गई दवा का लाइसेंस 29 तारीख में दिया गया। इस पर केमिस्ट देवीलाल की ओर से जयपुर में शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य नवीन जैन के समक्ष अपील दायर कर निलंबन को चुनौती दी गई। केमिस्ट ने सुनवाई के दौरान अवगत कराया कि होलसेलर की ओर से बिल देरी से दिए जाते हैं। सुनवाई के बाद गत पांच नवंबर को निलंबन पर स्टे देने के साथ ही शासन सचिव ने सहायक औषधि नियंत्रक को किसान मेडिकल स्टोर को दवा की आपूर्ति करने वाले होलसेलर बंसल डिस्ट्रीब्यूटर का लाइसेंस अनिश्चितकाल के लिए निलंबित करने के निर्देश दिए। इसके बाद कुछ होलसेलरों ने अपने स्तर पर बैठक कर बिना बिल व चालान के दवा सप्लाई करने का निर्णय लिया, जिसका विरोध हो रहा है। केमिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष प्रेम सेतिया का कहना है कि कुछ होलसेलर रिटेलर पर बिना बिल दवा सप्लाई करने का दबाव बना रहे हैं। ड्रग एक्ट की पालना और केमिस्ट हित में एसोसिएशन इसका विरोध कर रही है। सभी केमिस्टों को पत्र जारी किया गया है। कुछ होलसेलरों की ओर से सीधे उपभोक्ता को दवा दी जा रही है जोकि नियमों का उल्लंघन है। ऐसे लोगों पर औषधि नियंत्रण संगठन को कार्रवाई करनी चाहिए। सहायक औषधि नियंत्रक अशोक मित्तल का कहना है कि बिना बिल दवा बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। विभाग तो चालान को भी नहीं मानता है। अगर मौके पर बिल नहीं मिलता है तो संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। विभाग ने होलसेलरों को इस तरह की कोई छूट नहीं दी है। हाल ही में होलसेलर का लाइसेंस राज्य स्तर पर अनिश्चितकाल के लिए निलंबित किया गया है।