सोलन। देशभर में 42 दवाओं के सैंपल मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए हैं। इनमें नौ दवाएं हिमाचल प्रदेश के फार्मा उद्योगों में निर्मित हुई हैं। इनमें कहीं धूल के कण मिले तो कई कम घुलनशील पाई गई। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) ने नवंबर में इन दवाओं का परीक्षण करने के बाद खराब दवाओं के पूरे बैच को वापस मंगवाने के निर्देश संबंधित कंपनियों को जारी करवा दिए हैं। इसमें हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ (बीबीएन) की छह, पावंटा साहिब की दो और परवाणू के एक उद्योग का कैंपल फेल हुआ है। प्रदेश की जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें सर्दी-जुखाम, अल्सर, फॉलिक एसिड, शुगर, एंटीबायोटिक, आयरन, गैस और पेट के कीड़े मारने वाली दवा शामिल हैं।

सीडीएससीओ द्वारा जारी ड्रग अलर्ट के अनुसार पार्क फार्मास्युटिकल कालूझंडा की सेफीपार्क 1जी का बैच नंबर पीपीपीके-00006, ओमर हेल्थ केयर बद्दी का स्टरीले वाटर का बैच नंबर डब्ल्यू 1बी 097, जी लेबोरेटरीज पावंटा साहिब की न्यूफोल जेड का बैच नंबर 517-20, ईजी. फार्मास्युटिकल मंधाला की पेप्टेक का बैच नंबर आइआरएच 3737, लेगन हेल्थ केयर परवाणू की ग्लीक्लाजाइड मेटाफोरमिन का बैच नंबर टी एक्स 11255, ब्रुक्स लेबोरेटरीज किशनपुरा एमोक्सीलीन पोटासियम बैच नंबर बीडीएस 180513 और हनूकैम लेबोरेटरीज बद्दी की अल्बेंडाजोल को बैच नंबर टी 1774602 का सैंपल फेल हुआ है।  देशभर के जिन उद्योगों की दवाएं जांच में फेल पाई गई हैं, उनमें इंदौर के पंचशील ओर्गेनिक्स लिमिटेड, अमृतसर के जैकसन लेबोरेट्री, हरियाणा हिसार के रिगेन लेबोरेट्री उद्योग, ईस्ट वेस्ट फार्मा कंपनी यूनिट दो उत्तराखंड, बाल फार्मा उत्तराखंड, विवि मेड लेबोरेट्री उत्तराखंड, एकूमस ड्रग्स हरिद्वार, सिरोन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल, जेस्ट फार्मा इंदौर, कोटेक हेल्थकेयर उत्तराखंड, यूनिक्योर इंडिया नोएडा, एक्रिशन फार्मास्यूटिकल अहमदाबाद, हिमालया मेडिटेक देहरादून, क्वालिटी फार्मास्यूटिकल अमृतसर, ओशीन लेबोरेट्री हरियाणा, सनराइज रेमीडीज गुजरात, एंगल लेबोरेट्री कलकत्ता, बोचेम हेल्थकेयर उज्जैन मध्य प्रदेश आदि के नाम शामिल हैं।