श्रीगंगानगर। हनुमानगढ़ जिले के रावतसर और पीलीबंगा थाने के नशीली दवा तस्करी के मामले में फरार चल रहे दो सगे भाईयों को श्रीगंगानगर में गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों के पास से 2500 नशीली गोलियां और 200 सीसी नशीली दवा बरामद कर प्रतिबंधित नशीली दवा तस्करी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। सदर थाना प्रभारी राजेश सियाग ने बताया कि रावतसर थाना और पीलीबंगा थाने से टीम बनाकर आरोपियों को पकडऩे भेजा। पुलिस ने आरोपी हनुमानगढ़ के हाउसिंग बोर्ड निवासी व हाल नेहरानगर में किराएदार सोनू उर्फ संदीप अरोड़ा और उसके सगे भाई अजय अरोड़ा को कार में 25 सौ नशीली प्रतिबंधित गोलियां और 200 शीशी प्रतिबंधित नशीली दवा कार में सप्लाई के लिए ले जाते गिरफ्तार कर लिया।
हनुमानगढ़ पुलिस से जुटाई गई जानकारी अनुसार दोनों आरोपियों का प्रतिबंधित नशीली दवा का कारोबार दोनों जिलों में फैला हुआ है। आरोपी बड़े तस्कर हैं और बड़ी खेप में आगे सप्लायरों को नशीली दवाएं उपलब्ध करवाते हैं। पीलीबंगा पुलिस ने 9 अक्टूबर को पीलीबंगा के वार्ड 17 निवासी रवि बिश्नोई को 14 हजार नशीले कैप्सूल और 15 हजार नशीली गोलियों के साथ पकड़ा था। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि यह नशे की खेप वह हनुमानगढ़ निवासी संदीप और अजय अरोड़ा से लेकर आया था। इस मुकदमे के चार दिन बाद ही 13 अक्टूबर को रावतसर पुलिस ने डबली निवासी बालकिशन अरोड़ा को 24 सौ नशीले प्रतिबंधित कैप्सूल के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह नशीली दवा की यह खेप अजय अरोड़ा से लेकर आया था। दोनों मामलों में पुलिस को आरोपियों की तलाश थी। दोनों जगह तस्कर पकड़े जाने और इनका नाम सामने आने के बाद से आरोपी फरार हो गए थे। आरोपियों ने श्रीगंगानगर में नेहरानगर स्थित एक मकान को किराए पर ले रखा था और अलग-अलग नाम बताकर रह रहे थे।
रावतसर थाने से हवलदार अजय कुमार और पीलीबंगा थाने से हवलदार बलतेजसिंह ने संयुक्त रूप से आरोपियों के ठिकाने का पता लगाया। दोनों ने रैकी की और उससे पहले आरोपियों के परिवार के सदस्यों पर नजर रखकर इनके नेहरा नगर स्थित घर का पता लगाया था। पक्की सूचना के बाद सदर पुलिस की मदद से आरोपियों के घर पर छापा मारा गया। इस बार दोनों तस्कर भाई खुद ही नशीली दवा के जखीरे के साथ पकड़ लिए गए। सदर पुलिस ने खुद आरोपियों पर मुकदमा दर्ज गिरफ्तार किया है। अब रावतसर और पीलीबंगा पुलिस आरोपियों को श्रीगंगानगर पुलिस द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के बाद प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करेगी।