नरसिंहपुर (मप्र)। जिला अस्पताल के स्टोर से लाखों रुपए की दवाइयां गायब होने और शिकायत के बाद भी अस्पताल प्रबन्धन के चुपी साध लेने से मामले पर संशय बना हुआ है। माना जा रहा है कि यहां ड्रग माफिया सक्रिय है। कलेक्टर द्वारा गठित जांच टीम को भी बड़े पैमाने पर ऐसे सबूत मिले हैं। गौरतलब है कि नरसिंहपुर के जिला अस्पताल के स्टोर रूम से लाखों की दवाइयां गायब हो गई। हद तो यह हो गई कि ये दवाइयां बाहर से बरामद हुई। मामले का खुलासा तब हुआ, जब सहायक स्टोर कीपर नीलेश वर्मा को एक दिन पहले रखी दवाएं स्टोर से गायब मिलीं। सहायक स्टोर कीपर ने अस्पताल के सीएमएचओ और सिविल सर्जन से शिकायत की। जब उसकी शिकायत पर कोई सुनवाई न हुई तब उसने कलेक्टर को शिकायत कर दी। कलेक्टर को शिकायत के बाद जांच टीम गठित की गई और अब जांच जारी है।
सहायक स्टोर कीपर नीलेश वर्मा की शिकायत पर जांच न करने वाली सीएमएचओ भी अब कलेक्टर की जांच के आदेश के बाद मामले में अनियमितता की स्वीकार रही हंै। इसके साथ ही स्टोर से गायब सरकारी दवाइयों को बाहर से बरामद करने की जांच भी कर रही हैं। वे भी अब कलेक्टर की जांच के भरोसे हैं पर उन्होंने मामले मामले पर एक्शन क्यों नही लिया, इसे लेकर खुद भी जांच के घेरे में हैं। जिला अस्पताल में स्टोर से दवाइयां गायब की जा रही हैं। स्टोर से गायब हुई दवाइयों में थैलेसीमिया, कैंसर, थायराइड, ह्दय रोग सहित कई गंभीर बीमारियों की दवाइयां शामिल हंै जिनकी बाजार में कीमत, सरकारी के मुकाबले कहीं ज्यादा है।