गरियाबंद (छग)। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिले के सुपेबड़ा में देर रात देवभोग सीएचसी में चिकित्सा अधिकारी डॉ. शैलेश दौरा के निवास पर रेड की। डॉ. दौरा घर पर ही अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन कर रहे थे। मौके से भारी मात्रा में सरकारी सप्लाई की दवाइयां बरामद की गई हैं। टीम ने क्लीनिक को सीज कर दिया है। जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डॉ. शैलेश दौरा के टिकरापारा गांव स्थित उनके घर में संचालित अवैध क्लीनिक पर देर रात छपामारी की। टीम को जांच के दौरान अवैध तरीके से चल रहे क्लीनिक में प्रसव कराने के सामान के अलावा बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं भी मिली हैं। वहीं, आरोपी डॉ. शैलेश ने इस संबंध में सफाई दी कि वे डॉक्टर हैं। ऐसे में कोई पीडि़त घर आए तो उसका सामान्य उपचार करते है, जोकि उनका पेशा है। उधर, प्रभारी सीएमएचओ ने बताया कि डॉ. दौरा के पास क्लीनिक संचालन के लिए नर्सिंग एक्ट के तहत कोई भी दस्तावेज नहीं मिले। क्लीनिक में प्रसव कराने के सभी सामान मौजूद थे। दर्द व क्लॉटिंग बंद करने की कई दवाओं का जखीरा भी मिला है। इनमें से कई दवाएं ऐसी थीं, जो सरकारी सप्लाई में आती हैं।  छापेमारी की कार्रवाई के दौरान पता चला कि क्लीनिक में एक छोटा कमरा था, जिसमें दो बेड लगे थे। यहां मुश्किल प्रसव को जबरन कराने में काम आने वाली वैक्यूम प्रेशर मशीन और क्लॉटिंग कम करने और दर्द कम करने के दवाएं भी मौजूद थीं। छापामार टीम को अवैध कलीनिक में बरामद ऑक्सीजन सिलेंडर और दीवारों पर मौजदू खून के छींटें बयां कर रहे थे कि यहां अवैधानिक तरीके से प्रसव कराया जाता रहा है। सभी सामाग्रियों को जब्त कर क्लीनिक को सील कर दिया गया है। पूछताछ में आरोपी डॉ. शैलेश ने पिछले दो साल में 8-10 प्रसव कराना स्वीकार किया है। एसडीएम निर्भय साहू ने बताया कि यहां असुरक्षित प्रसव कराने की शिकायत लगातार मिल रही थीं।  निरीक्षण के दौरान कई ऐसे सामग्री मिली हैं जो नर्सिंग एक्ट का उल्लंघन करती हैं।