नैनीताल (उत्तरांचल)। जिले के रामनगर में इंडियन मेडिसिन फार्मा लिमिटेड कंपनी को निजी हाथों में देने के केंद्र सरकार के फैसले का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। जानकारी अनुसार आइएमपीएल कर्मचारी संघ रामनगर ने याचिका दायर कर कहा है कि यह केंद्र सरकार की दवा निर्माता कंपनी है। कंपनी सौ फीसदी शुद्ध लाभ देती है। इसके बावजूद इस कंपनी को नियमावली से विपरीत जाकर निजी हाथों में देने की साजिश रची जा रही है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार कंपनी को शिखर तक ले जाने में उन्होंने अपना जीवन लगा दिया। वह रिटायरमेंट की स्थिति में हैं, इसलिए कंपनी को निजी हाथों में देना केंद्र व कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरिगुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार घाटे में चल रही एयर इंडिया को तो निजी हाथों में नहीं दे रही है, मगर सौ फीसद शुद्ध लाभ देने वाली कंपनी को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ होने के साथ ही विधि विरुद्ध भी है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकल पीठ ने मामला सुनने के बाद केंद्र से तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।