नई दिल्ली। संसद ने मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) सितंबर 2020 तक दो साल के लिए शक्ति छीनने वाला विधेयक राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। इंडियन मेडिकल कौंसिल (संशोधन) विधेयक 2019, अब 21 फरवरी को जारी अध्यादेश की जगह लेगा। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि मेडिकल कौंसिल जवाबदेही पूरी करने में पूरी तरह विफल रहा और देश में व्यापक धारणा बन गई थी कि यह भ्रष्टाचार का अखाड़ा बन गया है। उन्होंने कहा कि गणमान्य डॉक्टरों को बोर्ड आफ गवर्नर्स (बीओजी) के रूप में जवाबदेही निभाने की शक्ति प्रदान की गई है और यह प्रभावी तरीके से काम कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम (सरकार) उनके काम में दखल नहीं दे रहे हैं लेकिन हम उनके कामकाज पर गहरी नजर रख रहे हैं। बोर्ड आफ गवर्नर्स के विभिन्न कदमों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जहां 2018-19 के दौरान कुल 21 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई थी, वहीं 2019-20 में यह संख्या बढक़र 27 हो गई है। उन्होंने कहा कि पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स के लिए उपलब्ध सीटों की संख्या भी वर्तमान वर्ष में बढक़र 35,327 हो गई है। 2018-19 में सीटों की संख्या 33,422 थी। भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए करीब 59 लोग प्रणाली से हटाए गए हैं।