बांदा (उत्तर प्रदेश)। खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्रशासन ने शहर के कई मेडिकल स्टोरों में छापा मारा। इस दौरान तीन मेडिकल स्टोरों में एक्सपायरी दवाएं मिलीं। दुकानदार दवा बिक्री का लाइसेंस भी नहीं दिखा पाए। औषधि निरीक्षक ने इन विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए। नोटिस का सही जवाब न देने पर कोर्ट में केस दर्ज करवाया जाएगा।
ड्रग इंस्पेक्टर श्रीकांत गुप्ता ने विभाग की टीम के साथ सुबह शहर में कोतवाली के सामने मंसूर मेडिकल स्टोर में छापा मारा। यहां करीब 4820 रुपये के अलग-अलग तरह के फिजिशियन सैंपल मिले। इन्हें सीज कर सीजेएम न्यायालय में पेश किया जाएगा। दुकान पर थोक लाइसेंस पर फुटकर दवाओं की बिक्री व मरीजों का इलाज करते पाया गया। वहीं मुन्नालाल एंड संस थोक दवा विक्रेता के यहां शेड्यूल एच-1 दवाइयों की बिक्री करते पाया गया। दुकानदार इनके कागजात व लाइसेंस नहीं दिखा पाए। कैशमेमो भी अव्यवस्थित मिली। एविल, इंजेक्शन, आइसोप्रोपाइल एल्कोहल, बोराक एसिड, पोटैशियम परमैंगनेट, सोडियम क्लोराइड आदि के क्रय बील भी नहीं मिले। इसके अलावा, कोतवाली रोड में ही भास्कर ब्रदर्स की दुकान में टीम ने औचक निरीक्षण किया। यहां भी दुकानदार दवाओं की बिक्री का लाइसेंस नहीं दिखा पाया। फ्रिज के अंदर एक्सपायरी दवाएं मिलीं। औषधि निरीक्षक ने इन दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस दिए हंै। सप्ताहभर में संतोषजनक जवाब न देने पर इन दुकानदारों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। ड्रग इंस्पेक्टर श्रीकांत गुप्ता ने बताया कि डीएम के निर्देश पर जिलेभर में अभियान चलाया जा रहा है। मानक के विपरीत व बिना लाइसेंस दवाओं की बिक्री करते पाए जाने पर किसी भी दुकानदार को बख्शा नहीं जाएगा।
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