अम्बाला, बृजेंद्र मल्होत्रा। राज्यभर में शनिवार व रविवार को छुट्टी का आनन्द ले रहे राज्य सरकार के कर्मचारियों से अलग हट कर एफडीए हरियाणा ने राज्यभर में नशे के खिलाफ औचक निरीक्षण अभियान छेड़ा। इसकी पल-पल निगरानी राज्य औषधि नियंत्रक डॉ. नरेन्द्र आहूजा स्वयं कर रहे थे। रोहतक में 5, झज्जर में 5, नारनौल में 5, चरखी दादरी में 10, फरीदाबाद में 10, पानीपत में 5, गुरुग्राम में 6, भिवानी में 8, हिसार में 6, कैथल में 7, अम्बाला में 5, पंचकूला में 7, दवा व्यपारियों पर दबिश दी।
गुरुग्राम के दवा विक्रेताओं की दबंगता देखने को मिली कि नशा व गर्भपात में सहायक बैन दवा एमटीपी भारी मात्रा में मिली, जिसका क्रय-विक्रय का कोई हिसाब-किताब नहीं मिला। न दुकानदारों ने कोई संजीदगी ही दिखाई कि इन दवाओं का हिसाब-किताब भी देना जरूरी है। शायद अपने संगठननात्मक आका के माध्यम से मुद्दा निपटाने की तरकीब पर दिमाग दौड़ाना शुरू कर दिया परन्तु एफडीए मुख्यालय में पल-पल की जानकारी ले रहे राज्य औषधि नियंत्रक की निगरानी के चलते कोई जुगत न भिड़ सकी। कड़ी कार्यवाही अमल में लाई गई। कैथल व जिला अम्बाला में भी नशे के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के चलते दुकानें सील की गई। कैथल में एनडीपीएस के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। अलसुबह से देर रात तक चली कार्यवाहियों में अधिकारियों का जोश भरपूर मिला कि युवावर्ग को नशे के चंगुल से छुटकारा दिलवा कर ही दम लेंगे, तभी अपने स्वर्गीय साथी राकेश छोक्कर को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी। इस बारे राज्य औषधि नियंत्रक ने मेडिकेयर न्यूज को बताया कि युवा वर्ग को नशे की दलदल में जाने से रोकने के लिए सरकार व विभाग कृत संकल्प लिए हुए है। अत: नशा कारोबारी अपनी दृढ़ इच्छा से नशा कारोबार छोड़ दें या हरियाणा अन्यथा विभाग का फंदा उन्हें मजबूर कर देगा कि धूर्त कार्य त्याग ही दें। आहूजा ने बताया कि अभियान कितने दिन और चलेगा यह उन्हें भी नहीं पता। बस वे इतना जानते हैं कि नशे को जड़ से खत्म करवा कर ही दम लेंगे ।