अररिया (बिहार)। फारबिसगंज केमिस्टस एंड ड्रगिस्टस एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल संघ के संरक्षक विनोद सरावगी ने कहा कि दवा के थोक व्यापार में फार्मासिस्ट की कोई जरूरत नहीं है। यह कानून अनुपयोगी है। सांसद प्रदीप कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने बताया कि देश के आठ लाख से भी ज्यादा दवा व्यवसाई पिछले दो दशकों से इस कानून का विरोध करते हुए आंदोलन कर रहे हैं। विनोद सरावगी ने मांग की कि ड्रग एक्ट में संशोधन कर दवाई की दुकान संचालन के लिए सृजित फार्मासिस्ट पद की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जाए। इससे पहले संघ के अध्यक्ष अवधेश शाह ने कहा कि बिहार सरकार राज्य के प्रत्येक प्रमंडल में फार्मासिस्ट प्रशिक्षण को लेकर एक-एक कॉलेज की स्थापना करे जिससे फार्मासिस्ट का अभाव दूर हो सके। इन कॉलेजों में सांयकालीन कक्षाएं चलें, जिससे दवा व्यवसाई भी वहां दाखिला ले सकें। इस मौके पर उनके साथ दवा व्यापारी अवधेश कुमार शाह, उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण सोनू, कार्यकारिणी सदस्य राकेश रोशन भी रहे। सांसद ने प्रतिनिधिमंडल को विश्वास दिलाया कि वे इस मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तथा स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी चौबे से मिलकर बात करेंगे। इससे पहले कानून का गंभीरता से अध्ययन करेंगे।