शिमला। दवा कंपनियों के सहारे देशभर में सैर करने के मामले में फरार चल रहे आरोपी सहायक दवा नियंत्रक निशांत सरीन की अग्रिम जमानत याचिका रद्द हो गई है। सोलन में विशेष न्यायाधीश भूपेश शर्मा की अदालत ने याचिका को रद्द करने का निर्णय दिया। इसके बाद विजिलेंस की टीम अब आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हो गई है।
विजिलेंस विभाग ने भूमिगत चल रहे सहायक दवा नियंत्रक को खोजने में चार टीमों का गठन किया है और यह टीमें अब आरोपी के संभावित ठिकानों पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार करने के मिशन में जुट गई हैं। इससे पूर्व सोलन कोर्ट में एक बार फिर माहौल काफी तनावपूर्ण रहा। यहां विजिलेंस की टीमें मौजूद रहीं, लेकिन आरोपी सहायक दवा नियंत्रक कोर्ट में पेश होने नहीं पहुंचा।
कोर्ट में विशेष न्यायाधीश भूपेश शर्मा ने दोनों का पक्ष सुनने के बाद यह फैसला सुनाया है। विजिलेंस विभाग इस पूरे मामले में आरोपी निशांत सरीन के देश भ्रमण और पांच सितारा होटलों में रुकने के दौरान हुए खर्च का विवरण तलाश रहा है। निशांत सरीन ने देश भर में कई दौरे किए हैं और आरोप है कि इन दौरों का खर्च दवा कंपनियों के मालिकों ने उठाया है।
विजिलेंस ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने आरोप लगने के बाद निशांत सरीन के सात ठिकानों पर दबिश दी और कई दस्तावेज बरामद किए हैं। इन दस्तावेजों की पड़ताल के लिए उन्हें निशांत सरीन से पूछताछ की जरूरत है। लेकिन निशांत सरीन विजिलेंस विभाग की पूछताछ में शामिल नहीं हुआ। न्यायधीश ने सभी दलीलें सुनने के बाद अग्रिम जमानत याचिका को रद्द करने का फैसला सुना दिया।
वहीं, सहायक दवा नियंत्रक की कथित सहयोगी महिला डॉक्टर को इस मामले में जमानत मिल गई है। कोर्ट ने महिला को 50 हजार के मुचलके पर जमानत का फैसला सुनाया है। विशेष न्यायाधीश भूपेश शर्मा ने यह फैसला देते हुए महिला को जांच में सहयोग करने के आदेश दिए हैं। साथ ही विजिलेंस विभाग को दो सितंबर को नए सिरे से साक्ष्य पेश करने को कहा है। विजिलेंस की टीम ने सहायक दवा नियंत्रक के सात ठिकानों पर दबिश दी थी। इनमें से पंचकुला में जेनिया फार्मा उद्योग व उद्योग की पार्टनर महिला डॉक्टर के पास भी विजिलेंस की टीम पहुंची थी। जिसके बाद इस मामले में महिला डॉक्टर को भी सह आरोपी बनाया गया। जिसे कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया।