नई दिल्ली। एंटीबायोटिक दवाओं के अनियंत्रित इस्तेमाल से उनके खिलाफ बैक्टीरिया और वायरस में प्रतिरोधक क्षमता पैदा होती है जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है। ऐसे में आयुर्वेदिक एंटीबायोटिक दवाएं इनका बेहतर विकल्प साबित हो सकती हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. रामनिवास पराशर ने कहा है कि आयुर्वेद में इतनी क्षमता है कि वह एंटीबायोटिक्स के साइड इफेक्ट को कम करने में कारगर है। उन्होंने एम्स भोपाल की एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि वहां स्टडी में आयुर्वेदिक एंटीबायोटिक दवा फीफाट्रोल को एक प्रमुख बैक्टीरिया संक्रमण के खिलाफ प्रभावी पाया गया है। शोध में पाया कि फीफाट्रोल स्टैफिलोकोकस प्रजाति के बैक्टीरिया के खिलाफ बेहद शक्तिशाली है। शोधकर्ता टीम के प्रमुख और एम्स भोपाल के निदेशक डॉक्टर सरमन सिंह के अनुसार आमतौर पर आयुर्वेदिक दवाएं प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं, लेकिन फीफाट्रोल में बैक्टीरिया के खिलाफ लडऩे की क्षमता देखी गई है। स्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया त्वचा, सांस और पेट संबंधी संक्रमण के लिए जिम्मेदार हैं। फीफाट्रोल 13 जड़ी बूटियों से तैयार एक एंटी माइक्रोबियल सॉल्यूशन है जिसमें पांच बूटियों की प्रमुख हिस्सेदारी और आठ के अंश मिलाये गये हैं।