कोटा (राजस्थान)। जिलेटिन के अवैध कैप्सूल के खोल की खेप इंदौर और अहमदाबाद से कोटा में सप्लाई किए जाने का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि यह धंधा लाइसेंस के बिना अवैध रूप से हो रहा था, इसीलिए दवा कारोबारी बिल्टी से माल मंगवाने के बजाय निजी बसों की डिक्कियों से इसकी खेप कोटा मंगवा रहे थे। इतना ही नहीं, औषधि नियंत्रण विभाग ऑनलाइन सप्लाई की भी जांच कर रहा है।
गौरतलब है कि औषधि नियंत्रण विभाग ने बीते दिवस दवा कारोबारियों के यहां से चार हजार किलो से ज्यादा जिलेटिन कैप्सूल के खाली खोल बरामद किए हैं। जांच के दौरान सामने आया कि कैप्सूल के खाली खोल इंदौर और अहमदाबाद से मंगवाए जा रहे थे। माल के साथ ही पूरा कारोबार भी अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा था, इसीलिए दवा कारोबारियों ने कैप्सूल के खाली खोल की खेप कॉमर्शियल ट्रांसपोर्टर के यहां बुकिंग करवाने और बिल्टी कटवाने के बजाय अवैध तरीके से मंगवाई थी।
ड्रग इंस्पेक्टर रोहिताश्व नागर ने बताया कि जीएसटी नियमों में कड़ाई के बाद कोई भी कॉमर्शियल ट्रांसपोर्टर इतनी लंबी दूरी का माल बिना बिल्टी काटे नहीं बेच रहा। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पूरा अवैध माल बिना बुकिंग के कोटा मंगवाया गया। इसके लिए अहमदाबाद और इंदौर से कोटा आने वाली बसों की डिक्कियों में रखवाकर मंगवाए जाने की बात सामने आ रही है। स्लीपर और एसी बसों के चैसिस के नीचे बनी यह डिक्कियां पूरी तरह पैक होती हैं और इनमें डेढ़ से दो टन माल आसानी से आ जाता है। चूंकि पकड़े गए कैप्सूल के खाली खोल और निजी बसों से कॉमर्शियल लगेज दोनों ही अवैध हैं, इसीलिए न तो दवा कारोबारियों को किसी तरह की बुकिंग करानी पड़ी और न ही बस मालिकों को लगेज के बारे में जानकारी देनी पड़ी। यानी पूरा कारोबार अवैध तरीके से संचालित हो रहा था।