अम्बाला (बृजेन्द्र मल्होत्रा)। हरियाणा स्टेट फार्मेसी कॉउंसिल के पदच्युत रजिस्ट्रार का मामला अब पंजाब व हरियाणा कोर्ट में पहुंच गया, जिसकी सुनवाई आगामी 6 दिसंबर 2019 को होनी निश्चित हुई है ।
पुराने फैसले को कोर्ट में चुनौती को नजरअंदाज करते हुए अनुचित दबाव व अंधेरे में रख किसी ने एसीएस से हरियाणा स्टेट फार्मेसी कॉउंसिल के रजिस्ट्रार सहित पूरे स्टाफ की नियुक्तियों को रद्द करवा दिया था। इससे पूरे राज्य में हलचल सी मच गई परन्तु कॉउंसिल के सभी पदाधिकारी अपनी कार्यप्रणाली के प्रति आश्वस्त थे कि वे ठीक कार्य कर रहे हैं और कदम-कदम की जानकारी पारदर्शिता से मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा रहे हैं तो एसीएस का ऐसा पत्र कैसे जारी हो गया? जबकि कोर्ट के एकतरफा फैसले को डबल बेंच पर चुनौती भी दी हुई थी, जिसकी सुनवाई जनवरी 2020 में होनी निश्चित हुई है। एसीएस को भी इस बारे कोर्ट से नोटिस मिला हुआ है। इसके बावजूद नियुक्ति रद्दीकरण के फरमान वाला पत्र जारी हो गया, जो प्रथम दृष्टया ही कोर्ट में जाने पर राहत दिलवाने वाला लग रहा था, हुआ भी वही।
रजिस्ट्रार द्वारा पंजाब-हरियाणा न्यायालय में एसीएस के इस (नियुक्ति रद्द करने वाले) पत्र को चुनोती दी। साथ ही फार्मेसी कॉउंसिल को भी पार्टी बनाया गया है कि जब कॉउंसिल के अनुमोदन व सरकार ने उनके कार्यकाल को मार्च 2020 तक मान्यता दी हुई है तो नियुक्ति रद्द कैसे ? सूत्रों के अनुसार हाईकोर्ट द्वारा इस पत्र के लिखे जाने वाले एसीएस व कॉउंसिल को कोर्ट में तलब किया, जिसकी सुनवाई के लिए 6 दिसम्बर 2019 की तिथि निश्चित की है।