अहमदाबाद, डा. संजय अग्रवाल। हर साल कोई न कोई वायरस पूरी दुनिया को अपने दहशत के शिकंजे में ले लेता है। कभी वह इबोला, कभी जीका, निपाह, बर्ड फ्लू या फिर कोरोना के रूप में सामने आता है। आजकल कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की नींद उड़ा दी है। 2020 साल के शुरूआत यानि जनवरी महीने में, चीन में दिसंबर 2019 के प्रकोप के बाद, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक नए प्रकार, 2019 कोरोनावायरस की पहचान की। वैसे तो इस वायरस के आम लक्षण सर्दी-खांसी है।
कोरोना वायरस वैसे तो चीन में तेजी से फैल रहा है, लेकिन इसके साथ वह थाईलैंड, जापान, हांगकांग, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, भारत सबको अपने गिरफ्त में लेता जा रहा है। कोरोना एक तरह का वायरस है जिसकी शुरूआत नाक, साइनस या ऊपरी गले में संक्रमण से होता है। यह संक्रमण जानवरों से फैल रहा है, जैसे ऊंट, सुअर, कुत्ता आदि। अधिकांशत: कोरोना वायरस खतरनाक नहीं होते, लेकिन नजरअंदाज करने पर जान जाने का भी खतरा रहता है। इसके लिए आपको आराम करने के साथ-साथ सर्दी-खांसी और गले के दर्द की आम दवाएं लेनी चाहिए। इस रोग को पहचानने के लिए इसके शुरूआती आम लक्षणों में बहती नाक, सिरदर्द, खांसी, गले में दर्द और बुखार शामिल हैं। आम तौर पर यह लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि कोरोना रोग को समझना मुश्किल हो जाता है और लोग इसको नजरअंदाज कर देते हैं, इसलिए समय के साथ शारीरिक स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। इस लापरवाही के कारण निमोनिया, सार्स अथवा किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके बाद अवस्था और भी गंभीर होने पर मृत्यु होने की भी आशंका रहती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कुछ बचाव के तरीकों के बारे में बताया है जिसको ध्यान में रखने पर आप इस बीमारी से रोकथाम कर सकते हैं। जैसे- बाहर से आने पर या भोजन से पहले अपने हाथों को पानी, साबुन या अल्कोहल वाले हैंड वाश से धोयें। छींकने या खांसने के समय नाक या मुँह पर रूमाल रखें। सर्दी-खांसी या फ्लू के लक्षणों वाले मरीज के संपर्क से दूर रहें। मांस और अंडा अच्छी तरह से पकाकर खायें। जानवरों के संपर्क से बचें और उन्हें छूने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह से साफ करें। इन नियमों का पालन करने पर कुछ हद तक कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।