देहरादून। सरकार ने फार्मा कंपनियों को सेनेटाइजर का उत्पादन बढ़ाने को कहा है। यह निर्णय
कोरोना वायरस के भय से सेनेटाइजर की बढ़ती मांग के मद्देनजर लिया गया है। औषधि विभाग ने सेनेटाइजर और हैंडवाश बनाने की क्षमता वाली सभी कंपनियों से इसका लाइसेंस लेने को कहा है। राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी के अनुसार राज्य में करीब 250 फार्मा कंपनियां हैं जिनमें से सिर्फ 50 के पास सेनेटाइजर-हैंडवाश का लाइसेंस है। दिल्ली समेत देश के अन्य कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद सेनेटाइजर की मांग लगातार बढ़ रही है। इसके चलते अब सेनेटाइजर व हैंडवाश का उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। राज्य औषधि नियंत्रक ने बताया कि उन सभी फार्मा कंपनियों को सेनेटाइजर व हैंडवाश प्रोडक्ट तैयार करने को कहा है जिनके पास इसकी क्षमता है। उन्हें लाइसेंस के लिए आवेदन करने को कहा है। जिनके पास पहले से लाइसेंस हंै, उन्हें उत्पादन बढ़ाने को कहा गया है। गौरतलब है कि कोरोना के डर से सभी प्रकार के सेनेटाइजर और हैंडवाश की डिमांड बढ़ गई है। लोग बड़ी संख्या में सेनेटाइजर-हैंडवाश खरीदकर जमा कर रहे हैं। इससे कैमिस्ट शॉप संचालकों ने इनकी कीमत बढ़ा दी है। 50-60 रुपये में बिकने वाला सेनेटाइजर या हैंडवाश ज्यादा कीमत पर बेचा जा रहा है। ज्यादातर मेडिकल स्टोरों पर सीमित मात्रा में सेनेटाइजर और हैंडवाश मौजूद है। इस वजह और कोरोना के डर से लोग इसके लिए मुंहमांगी कीमत देने को तैयार हैं। बता दें कि सेनेटाइजर और हैंडवाश काफी हद तक संक्रमण से बचा सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार हाथ धोने और लगातार सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने से वायरस को शरीर में जाने से काफी हद तक रोका जा सकता है। इस वजह से अधिकांश लोग सेनेटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई लोग मुश्किल समय के लिए पहले से ही सेनेटाइजर खरीदकर रख रहे हैं जिससे मांग लगातार बढ़ रही है।