नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मरीज के बीच दवाओं की बिक्री में 30 से 40 पर्सेंट की कमी आई है। राजधानी के डॉक्टर व दवा विक्रेताओं का कहना है कि वर्तमान हालात में अच्छी बात यह है कि दवाओं की बिक्री भी कम हुई है, जिसकी प्रमुख वजह लॉकडाउन की वजह से अच्छी और हेल्दी लाइफस्टाइल से लोग बीमार कम पड़ रहे हैं। दिल्ली में फिलहाल दवा की कोई कमी नहीं है। अगले दो महीने तक पर्याप्त स्टॉक है। मार्च की तुलना में अप्रैल में दवा कि बिक्री में 30 से 40 पर्सेंट की कमी आई है। जब कोविड शुरू हुआ था, तब लोगों ने बेसिक जरूरी दवा खरीद ली थी। चाहे पैरासिटामोल हो या इंसुलिन, लोगों ने अपनी जरूरत से ज्यादा खरीद लिया था। अब उन्हें दवा की जरूरत नहीं है। अब दवा वही बिक रही है जो डॉक्टर लिख रहे हैं। अभी पूरी दिल्ली में लगभग सभी जगह ओपीडी बंद है। सभी बड़े अस्पतालों में सर्जरी बंद है, दिल्ली में देश से भारी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते थे, वो सभी बंद है। लॉकडाउन की वजह से लोग संयमित जीवन जी रहे हैं। बाहर का खाना-पीना नहीं हो रहा है। डायरिया से संबंधित कोई बीमारी नहीं हो रही है। एक्सिडेंट कम हो गए हैं। घरों में रहने की वजह से लोग बीमार भी कम पड़ रहे हैं। थोड़ा बहुत जो लोग पहले से बीमार हैं, बस उन्हें ही इलाज की जरूरत हो रही है। अभी अधिकतर डॉक्टर भी खाली हैं, उनके क्लिनिक बंद हैं। मलेरिया की बीमारी में इस्तेमाल होने वाले एचसीक्यू दवा की कोई कमी नहीं है। यहां पर मलेरिया के मामले भी नहीं है। कई दवा कंपनी यह दवा बना रही है। जहां तक इस दवा की बिक्री की बात है तो अब इस दवा को सरकार ने शेडयूल एच-1 के नियमों में डाल दिया है, इसलिए बिना प्रिस्क्रिप्शन के यह दवा किसी को नहीं मिलेग