देहरादून। कोरोना अलर्ट के बीच अधिकांश मेडिकल स्टोर संचालक प्रशासन की गाइडलाइन को फॉलो नहीं कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा साफ किया गया है कि कोई भी मेडिकल स्टोर संचालक सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार की दवा बिना डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन ने नहीं बेचेगा। अगर बेचेगा तो उसे सभी पेशेंट का डाटा और दवा का ब्योरा प्रशासन को उपलब्ध कराना होगा। लेकिन, दून में रजिस्टर्ड 810 में से केवल 75 मेडिकल स्टोर्स ही प्रशासन को डेली डाटा दे रहे हैं। बाकी गाइडलाइन को फॉलो नहीं कर रहे।
देहरादून में 1500 दवा होलसेलर, डिसपेंसरी व मेडिकल स्टोर हैं तथा 810 मेडिकल स्टोर्स रिटेल दवाओं की बिक्री करते हैं। लेकिन इन सब में से केवल 75 मेडिकल स्टोर्स की ओर से ही दवा का ब्योरा दिया जा रहा है। 60 से 75 स्टोर्स की डेली रिपोर्ट प्रशासन को दी जा रही है। प्रशासन की ओर से बिना डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन के दवा बेचने पर बैन लगाया गया है। डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन के बाद ही मेडिकल स्टोर खांसी, बुखार, जुकाम की दवा बेच सकते हैं और इसकी डेली डिटेल भी प्रशासन को देनी होगी। लेकिन, प्रशासन के पास केवल 50 से 75 मेडिकल स्टोर्स की ओर से ही डेली दवाओं का ब्योरा दिया जा रहा है। मेडिकल स्टोर्स की ओर से इस गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया जा रहा है। हालांकि, दून हॉस्पिटल, कोरोनेशन हॉस्पिटल समेत कुछ डिस्पेंसरीज ही प्रशासन को दवाओं का ब्योरा दे रही है। गली-मोहल्ले के मेडिकल स्टोर्स की निगरानी भी नहीं हो पा रही है और उनकी ओर से डिटेल भी अपडेट नहीं की जा रही है। इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल्स की डिटेल भी प्रशासन को नहीं मिल पा रही है। उनका रिकॉर्ड रखना भी मुश्किल हो रहा है। वे रोजाना कितने पेशेंट अटैंड कर रहे हैं, क्या दवाएं दे रहे हैं इसकी मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है।
देहरादून के ड्रग्स इंस्पेक्टर नीरज कुमार का कहना है कि हमारी ओर से मेडिकल स्टोर्स व अन्य डिस्पेंसरीज से डेली रिपोर्ट ली जा रही है, लेकिन कई मेडिकल स्टोर द्वारा दवा की बिक्री की डिटेल नहीं दे रहे हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वहीं होल सेल केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष नंदा का कहना है कि सभी मेडिकल स्टोर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे अगर एंटी कोल्ड दवा बेचते हैं तो उसकी पूरी डिटेल दें। इसके लिए व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है।