रायपुर। दो ड्रग पैडलर श्रेयांस झाबक, विकास बंछोर के कब्जे से साढ़े 17 ग्राम कोकीन जब्त करने के बाद इस रैकेट का भंडाफोड़ किया। साथ ही ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए आठ ड्रग पैडलरों को काबू किया है। घटना के बाद फरार एक ड्रग पैडलर को पुलिस ने उसके मोबाइल नंबर का लोकेशन ट्रेस कर उत्तरप्रदेश से काबू किया है। पुलिस गिरफ्त में आए आठ ड्रग पैडलरों में से एक बड़ी राजनीतिक पार्टी का मंडल अध्यक्ष बताया जा रहा है। साथ ही एक ड्रग पैडलर बालोद में जीआरपीएफ का सिपाही है। पुलिस ने जिन ड्रग पैडलरों को पकड़ा है, उनके कब्जे से 15 लाख रुपए कीमत की साढ़े 93 ग्राम कोकीन जब्त की है।
दरअसल जीआरपीएफ का सिपाही फाइनेंस करता था एसएसपी के मुताबिक जीआरपीएफ का आरक्षक लक्ष्मण ड्रग खरीदने के लिए मिन्हाज और अभिषेक को फाइनेंस करता था। साथ ही उन्हें ड्रग खरीदने जाने के लिए अपनी कार उपलब्ध कराता था। एलिन सोरेन गोवा में नाइजीरियन और रसियन ड्रग पैडलरों से संपर्क कर ड्रग खरीदने में इनकी मदद करता था। मिन्हाज ने शुरू किया कारोबार पुलिस के अनुसार मिन्हाज ने बिलासपुर में सबसे पहले ड्रग का कारोबार शुरू किया। इसके बाद मिन्हाज के संपर्क में आकर अभिषेक ड्रग कारोबार में जुड़ गया। बिलासपुर में खपत कम होने की वजह से ये लोग रायपुर में लिंक तलाशते हुए श्रेयांस और विकास के संपर्क में आए और ड्रग कारोबार को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। नेता, पुलिस की जुगलबंदी से ड्रग कारोबार पुलिस गिरफ्त में आए ड्रग पैडलर अभिषेक एक प्रमुख राजनीतिक दल का मंडल अध्यक्ष बताया जा रहा है। साथ ही लक्ष्मण गाइन के जीआरपीएफ में आरक्षक होने की जानकारी पुलिस ने दी है। ड्रग पैडलर लक्ष्मण की हुंडई वर्ना कार सीजी 04 एच क्यू 1011 को पुलिस ने ड्रग तस्करी करने के आरोप में जब्त किया है। पैडलर लक्ष्मण की कार से ड्रग तस्करी करते थे।
वहीं मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी अजय यादव ने बताया कि कोकीन बेचने के आरोप में बिलासपुर निवासी अभिषेक शुक्ला उर्फ डेविड, मोहम्मद मिन्हाज उर्फ हनी, एलेन सोरेन, रोहित आहूजा, राकेश अरोरा उर्फ सोनू, अब्दुल अजीम उर्फ सद्दाम, लक्ष्मण गाईन सहित मूलत: राजस्थान निवासी आशीष शुक्ला जो वर्तमान में रायपुर रह रहा है, उसे पुलिस और सायबर सेल की टीम ने गिरफ्तार किया है। पूर्व में पकड़े गए श्रेयांस के साथ अभिषेक और मिन्हाज प्रमुख ड्रग पैडलर हैं। बाकी के अन्य आरोपी इनके गुर्गे हैं, जो ड्रग खपाने का काम करते थे। छद्म नाम से चलाते थे कारोबार पुलिस के अनुसार प्रमुख ड्रग पैडलरों को ड्रग सेवन करने वाले छद्म नाम से जानते थे। अभिषेक को ड्रग लेने वाले डेविड मिन्हाज को हनी तथा श्रेयांस को जैक के नाम से जानते थे। ड्रग पैडलरों के छद्म नाम रखने की वजह लोगों के बीच पहचान छिपाना बताया जा रहा है।