इंदौर। कोविड संक्रमण के इलाज में गंभीर रूप से भर्ती मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से इस इंजेक्शन की मनमानी कीमत वसूलने की शिकायत जिला प्रशासन के पास पहुंच रही थी। इसके बाद जिला प्रशासन द्वारा तीन दिसंबर को इस इंजेक्शन की कीमत पर नियंत्रण के लिए आदेश जारी किया गया।

गौरतलब है कि पूर्व में कलेक्टर मनीष सिंह ने सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम व मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी इस तरह के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी कई अस्पताल व दवाई विक्रेता कलेक्टर के निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं। मालूम हो कि शहर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है और जिससे हरेक इलाकों में नए मरीज निकल रहे हैं।

इसके बावजूद इंजेक्शन की कीमतों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। जिला प्रशासन की टीम ने सीएंडएफ, स्टॉकिस्ट, रिटेल व अस्पताल स्तर पर इस इंजेक्शन के विक्रय मूल्य का सर्वे किया तो पता चला कि दवाई की दुकानें व अस्पताल इस इंजेक्शन के लागत मूल्य पर 25 से 75 प्रतिशत तक लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इससे मरीजों के इलाज के खर्च में अनावश्यक रूप से बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा दवाई विक्रेता व अस्पतालों के लिए निर्देश जारी किए गए कि वे लागत मूल्य से अधिकतम 20 प्रतिशत लाभ लेकर ही मरीजों को यह इंजेक्शन दें।