शहर के विशाल नगर के रहने वाले जूता व्यापारी को रेमडेसिविर के छह इंजेक्शन 2.15 लाख रुपये में बेचने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने घर में आइसोलेट अपने पिता के लिए रेमडेसिविर के इंजेक्शन कालाबाजारी करने वाले युवक से खरीदे थे। हालांकि इंजेक्शन लेकर जब वह घर पहुंचे तो उनके पिता की मौत हो चुकी थी। इस पर उन्होंने आरोपी को इंजेक्शन वापस कर दिए। आरोपी ने उसे पैसे वापस करने को कहा था, लेकिन पैसे वापस नहीं दिए। अब पीड़ित ने मामले की शिकायत मुरथल थाना पुलिस को दी है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

विशाल नगर के रहने वाले जगपाल ने मुरथल थाना पुलिस को बताया कि वह जूतों का व्यापार करता है। उनके पिता विरेंद्र सिंह संक्रमित हो गए थे। उन्हें कहीं अस्पताल में बेड नहीं मिल सका था। इस पर उन्होंने उन्हें घर में ही आइसोलेशन में रखा था। यहां चिकित्सक की सलाह पर उपचार चल रहा था। 4 मई को उनके पिता की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर चिकित्सक ने रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर आने को कहा था। इस पर उसने सरकारी व निजी मेडिकल स्टोर पर तलाश की, लेकिन कहीं भी इंजेक्शन नहीं मिल सका। तब किसी ने उसे मुरथल के प्रवीन कुमार का मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि यह इंजेक्शन उपलब्ध करा सकता है। उसने प्रवीन से बात की तो उसने इंजेक्शन देने के लिए उसे ओमेक्स सिटी में बुला लिया। उसने छह इंजेक्शन के लिए 2.15 लाख रुपये की मांग की थी।

इंजेक्शन पर 3490 रुपये प्रिंट रेट था। उसने पिता की जान बचाने के लिए इंजेक्शन खरीद लिए। जब वह इंजेक्शन लेकर घर पहुंचा तो उनके पिता का निधन हो चुका था। उसने अपने पिता का अंतिम संस्कार कराया। उसके दो दिन बाद उसने प्रवीन को फोन किया तो उसने उसे उसी स्थान पर बुलाया। उसने उससे सभी इंजेक्शन ले लिए और पैसे बाद में देने को कह दिया। उसने प्रवीन से फोन कर पैसे वापस करने को कहा था, लेकिन उसने पैसे नहीं दिए। अब उसने प्रवीन को पैसे देने को कहा तो वह जान से मारने की धमकी देने लगा। इस पर मुरथल थाना पुलिस को अवगत कराया। पुलिस ने सोमवार रात को प्रवीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच सीआईए-1 को सौंप दी गई है। सीआईए की टीम पहले ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के एक मामले की जांच कर रही है।