पशुओं को लगाए जाने वाले टीकों में नशीली गोलियां मिलाकर घातक नशीले टीके तैयार करने के मामले में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से तैयार किए गए घातक टीके, नशीली गोलियां सहित पशुओं को लगाए जाने वाले टीके बरामद किए हैं।
एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि सीआईए-टू प्रभारी इंस्पेक्टर सोमबीर की अगुवाई में सहायक उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार की टीम देवीगढ़ रोड पर गश्त कर रही थी। इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि विक्रम निवासी बलराज नगर कैथल और विनोद निवासी बाबा लदाना मिलकर विक्रम के बलराज नगर स्थित मकान पर प्रतिबंधित नशीली गोलियों को किसी पशुओं के टीकों में घोलकर छोटी शीशी में नशीले इंजेक्शन तैयार करके भारी मुनाफा कमा रहे हैं। ये दोनों नशा करने वाले युवाओं को 300 रुपये प्रति इंजेक्शन बेच रहे है। पुलिस ने सादे कपड़ों में कर्मचारी लखविंद्र को 300 रुपये के चिह्नित नोट देकर बोगस ग्राहक के तौर पर विक्रम के मकान में भेजा गया। जहां से संकेत मिलते ही टीम ने छापामारी कर आरोपी विक्रम और विनोद को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद नायब तहसीलदार कैथल ईश्वर सिंह पहुंचे। उनकी मौजूदगी में वहां से पशुओं को लगने वाले 208 टीके, 207 प्रतिबंधित नशीली गोलियां, तैयारशुदा नशीले टीकों की 20-20 एमएल की 6 बोतल, 288 खाली बोतल, 3 नशीली गोलियों के खाली पत्ते तथा 700 रुपये ड्रगमनी बरामद की गई। जो गोली बरामद हुई है, उसे ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा प्रतिबंधित बताया गया। थाना सीआईए-टू पुलिस के एएसआई प्रवीन कुमार द्वारा दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
फर्जी फाइल के माध्यम से हासिल की जा रही थी नशीली गोलियां
एसपी ने बताया कि आरोपी विक्रम द्वारा एक नशा मुक्ति केंद्र से बोगस फाइल तैयार करके नशीली गोलियां प्राप्त की जा रही थी। कैथल के एक नशामुक्ति केंद्र से धोखाधड़ी करके फर्जी फाइल तैयार करवाई थी, जिसकी मार्फत वह नशामुक्ति केंद्र से धोखाधड़ी करके समय-समय पर नशीली प्रतिबंधित ब्रोफिन गोलियां प्राप्त कर लेता था। जबकि आरोपी विनोद पशुओं को लगने वाले टीकों का प्रबंध करता था। इसके बाद दोनों द्वारा एमविल, एनविल अथवा बी.विल इंजेक्शन के 20 एमएल की बोतल में एक नशीली प्रतिबंधित गोली डालकर 20 एमएल का टीका तैयार करते थे। जिसमें नशेड़ियों के लिए 5-5 एमएल की 4 डोज होती थी। आरोपी 20 एमएल की एक शीशी नशेड़ियों को 300 रुपये में बेचते थे।