मैनपुरी। झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से न जाने कितने लोगों की जान चली जाती है। बता दें कि झोलाछाप डॉक्टर की ववजह से एक मासूम की जान चली गई। मैनपुरी जनपद में बिछवां थाना क्षेत्र के गांव जमथरी निवासी 12 वर्षीय बालक की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने क्षेत्र में क्लीनिक संचालित कर रहे व्यक्ति पर दवा की ओवरडोज देने से मौत होने का आरोप लगाया है। परिजनों के अनुसार इलाज के दौरान उन्हें पता चला कि संबंधित व्यक्ति झोलाछाप है। शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराया है।

बालक की मौत और मामला पुलिस के संज्ञान में पहुंचने के बाद झोलाछाप ने अपनी दुकान बंद कर दी और फरार हो गया। पुलिस ने भी गांव पहुंचकर झोलाछाप के बारे में पता लगाया है। झोलाछाप का पता नहीं लग सका था। सीएमओ -डॉ.पीपी सिंह ने बताया कि जिले में अवैध क्लीनिक और पैथोलॉजी अभियान चलाकर सील किए जा रहे हैं। बच्चे की मौत के संबंध में जानकारी मिली है। टीम भेजकर जांच कराई जाएगी। बिछवां थाना क्षेत्र के गांव जमथरी निवासी संजीव कुमार के 12 वर्षीय पुत्र देव को गुरुवार को पेट में तेज दर्द हुआ।

परिजन उसे गांव में संचालित एक क्लीनिक पर इलाज के लिए ले गए। आरोप है कि यहां झोलाछाप ने देव को खाने के लिए दवा दी, जिसके बाद देव का पेट दर्द बंद हो गया। कुछ देर बाद फिर से देव को तेज पेट दर्द हुआ तो परिजन उसे लेकर फिर उसी क्लीनिक पर पहुंचे। आरोप है कि यहां झोलाछाप ने उसके बेटे को ड्रिप लगा दी। ड्रिप रात दस बजे तक चढ़ी। तड़के तीन बजे फिर से देव की हालत बिगड़ी तो परिजन तो परिजन फिर उसे क्लीनिक पर ले गए। हालत गंभीर होने पर इलाज करने वाले व्यक्ति को साथ लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुंचे।

यहां डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप ने जो उपचार जिला अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टरों को बताया वह बच्चे के वजन के हिसाब से अधिक था। पुलिस ने चाचा विनोद कुमार की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की है। वहीं शव का पोस्टमार्टम कराया है। जिला अस्पताल में देव के साथ झोलाछाप भी आया था। जब उससे इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने बच्चे के उपचार के बारे में बात की तो बच्चे को दवा की अधिक डोज देने की बात सामने आई। इमरजेंसी में जब डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया तो झोलाछाप परिजनों को बच्चे के पास छोड़कर भाग निकला।