ब्यावर (कैलाश शर्मा)। शहर में इन दिनों होलसेल दवा विक्रेताओ की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इसी का परिणाम है कि कुछ होलसेल विक्रेताओ को छोड़कर सभी फर्जी झोलाछाप डॉक्टरों को पनपाने में भी अहम भूमिका निभा रहे है। ध्यान रहे की होलसेल दवा विक्रेता सिर्फ ड्रग लाइसेंस धारी फर्म को ही दवा सप्लाई दे सकता है लेकिन इससे अलग अब कुछेक होलसेल दवा विक्रेताओ को छोड़ दे तो अधिकतर सिर्फ और सिर्फ फर्जी झोलाछापों को ही दवा सप्लाई करके अपनी दुकान चला रहे है और खुलेआम औसधि कानून की धंज्जिया उड़ा रहे है।

सूत्रों से मेडिकेयर को प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में कई पुराने और ओर कुछ नए जेनरिक दवा के होलसेल दवा विक्रेता है जो सिर्फ फर्जी झोलाछापों को दवा सप्लाई करके ही अपनी दुकान चला रहे है। औषधि नियंत्रण अधिकारी निरीक्षण के दौरान सिर्फ खरीद बिल देखते है उस जेनेरिक दवा विक्रेता ने वो खरीदी गई दवा कहा और किसको बेची इसकी तह तक औषधि नियंत्रण अधिकारी नही जाते है जिसका परिणाम है कि ऐसे होलसेल दवा विक्रेताओ की संख्या लगातार बढ़ती रही है और फर्जी झोलाछाप पनप रहे है, कुछेक होलसेल दवा विक्रेता शाम 6 बजे बाद फर्जी झोलाछापों को दवाइया देते है और उनके क्लिनिक तक भी दवाओं की सप्लाई करते है जिससे इन झोलाछापों की दुकाने चलती है लेकिन सवाल अब ये उठता है कि आखिर कब तक औषधि विभाग कुम्भकर्णी नींद सोता रहेगा और ऐसे होलसेल दवा विक्रेता खुलेआम औषधि कानून की धज्जिया उड़ाते रहेंगे। मेडिकेयर न्यूज़ के पास उन होलसेल दवा विक्रेताओ के नाम भी उपलब्ध है जो सिर्फ फर्जी झोलाछाप को दवाइया सप्लाई करके अपनी दुकानदारी चला रहे है।

“कोई भी होलसेल दवा विक्रेता किसी भी फर्जी झोलाछाप को दवा नही दे सकता,यदि ऐसा मामला सामने आता है तो उस दवा विक्रेता के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही अमल में लायी जायगी”- नरेंद्र कुमार
सहायक औषधि नियंत्रक
अजमेर
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