अमृतसर : प्रतिबंधित दवा की तस्करी के मामले में एक आरोपी को बरी कर दिया गया है। पैरवी करने वाले वकील का कहना था कि दर्ज एफआईआर को पुलिस कोर्ट में साबित नहीं कर पाई।

बता दें कि विशालदीप सिंह प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी मामले में बरी कर दिया है। पीड़ित परिवार ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि रंजीश के तहत पड़ोसियों द्वारा उनके बेटे को फंसाया गया था।

पीड़ित के वकील ने बताया कि मामले में एएसआइ सुखदेव सिंह और एएसआइ मेहर सिंह ने जांच की थी। जबकि एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए गए केस में कम से कम डीएसपी स्तर के अधिकारी को जांच करनी चाहिए।

वकील ने कहा कि जंडियाला थाने की पुलिस ने 13 नवंबर, 2018 की रात विशालदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। उसे सारी रात हवालात में रखा। क्योंकि एफआइआर दर्ज होने से कुछ दिन पहले विशालदीप का अपने पड़ोसी के साथ झगड़ा हुआ था।

उसे एक पुलिस कर्मी ने 13 नवंबर, 2018 की सुबह बताया कि वह प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी तस्करी करने के आरोपी में गिरफ्तार कर केस दर्ज किया गया है।

पुलिस की उक्त गलती के कारण विशालदीप सिंह को 60 दिन तक जेल भी काटनी पड़ी थी। वहीं इस मामले में एसपी जगजीत वालिया ने बताया कि वह मामले की बारीकी से जांच करेंगे। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।