हिसार। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हिसार के चर्चित ड्रग ऑफिसर सुरेश चौधरी एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। रिश्वत मांगने के आरोप में उन्हें को एक बार फिर से सस्पेंड कर दिया गया है। हेल्थ विभाग के एसीएस की तरफ से इस बारे आदेश जारी किए गए है। जारी आदेशों के अनुसार सुरेश चौधरी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते विजिलेंस द्वारा चार्जशीट पेश किए जाने और काेर्ट में आरोप तय होने पर दोबारा से सस्पेंड किया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले सुरेश चौधरी को मुख्य कार्यालय में ज्वाइनिंग दे दी गई थी।

सुरेश चौधरी, उसके ड्राइवर और चपरासी पर मेडिकल की दुकान का लाइसेंस बनवाने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांगने और 40 हजार में सौदा तय होने के आरोप लगे थे। सिरसा की विजिलेंस टीम ने सुरेश चौधरी के ड्राइवर और चपरासी को 40 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उस दौरान सुरेश चौधरी फरार हो गया था। इसके बाद सुरेश चौधरी को विभाग की ओर से सस्पेंड कर दिया गया था। लेकिन अदालत से जमानत मिलने पर विभाग ने मुख्यालय स्तर पर ज्वाइन करवा दिया था।

शिकायतकर्ता रामबिलास जांगड़ा, जिससे मांगी गई रिश्वत

गौरतलब है कि रामायण के रामबिलास जांगड़ा ने केमिस्ट की दुकान के लाइसेंस के लिए ड्रग विभाग में आवेदन किया था। इस दौरान पहले तो ड्रग ऑफिसर ने उसे कार्यालय बुलाया। लेकिन वह खुद वहां नहीं मिला, उसका पियून या ड्राइवर वहां मिलता था। पियून ने कहा था कि इस काम की एवज में उसे एक लाख रुपये देने होंगे। मामले में रामबिलास ने बताया था कि बाद में 40 हजार रुपये में सौदा तय हो गया था।

इस मामले में काम करने वाले जवाब दो हिसाब दो संस्था से राजीव सरदाना ने बताया था कि उन्होंने विजिलेंस के पंचकूला मुख्यालय से संपर्क किया और उन्हें मामले के बारे में जानकारी दी गई थी। उनसे किसी बाहरी जिले की विजिलेंस टीम को भेजने का अनुरोध किया। जिसके बाद विजिलेंस टीम ने मौके पर पहुंचकर ड्राइवर सुमित और चपरासी रामपाल को रंगे हाथों पकड़ा था।