चंडीगढ़ – हरियाणा
रोहतक में बेटा होने के लिए पुत्रबीजक दवा देने वाले पंसारी के मामले में आयुष विभाग को बड़ा झटका लगा है। पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत छापामार कार्रवाई के बाद विभागीय अधिकारियों ने उधार की लैब पर जांच के लिए दवा के सैंपल भेजे, लेकिन केंद्र सरकार की गाजियाबाद स्थित प्रयोगशाला ने जांच से साफ इनकार कर दिया। विभाग को वापस किए गए सैंपल के साथ लैब की ओर से पत्र भी भेजा गया। इसमें साफ लिखा है कि पुत्रबीजक दवा की जांच यहां नहीं होगी। इसके चलते एक बार फिर प्रदेश में आयुर्वेदिक दवाओं की प्रयोगशाला की कमी खलने लगी है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज प्रदेश में प्रयोगशाला स्थापित करने की घोषणा पहले कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है। 14 सितबंर 2015 को रोहतक के गोहाना अड्डा स्थित एक पंसारी की दुकान पर आयुर्वेद चिकित्सा में संतान प्राप्ति को लेकर चर्चित शिवलिंगी बीजों को बेटा होने की दवा बताकर बिक्री को लेकर पीएनडीटी एक्ट के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारकर कार्रवाई की थी। पंसारी की दुकान पर छापामार कार्रवाई के बाद सभी दवाओं का सैंपल गाजियाबाद स्थित प्रयोगशाला भेजा गया था। वरिष्ठ आयुर्वेद अधिकारी डॉ.हरीपाल बधवार के मुताबिक, हरियाणा में लैब नहीं होने के कारण ऐसा करना पड़ा, लेकिन कुछ ही समय पहले दवाओं की जांच नहीं करने का पत्र मिला। साथ ही सैंपल भी वापस मिला।
17 जून 2015 को चंडीगढ़ में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने खुद स्वीकार किया था कि हरियाणा में आयुर्वेदिक दवाओं की जांच के लिए प्रयोगशाला नहीं है। बहादुरगढ़ में निजी और कुरुक्षेत्र में आयुर्वेद कॉलेज की प्रयोगशाला है, लेकिन कानूनी मामलों को लेकर अलग से उच्च तकनीकों वाली प्रयोगशाला नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रयोगशाला होने से इन दवाओं की हकीकत पता करना नामुमकिन है। इसलिए हरियाणा से सभी सैंपल गाजियाबाद स्थित सरकारी लैब में भेजे जाते हैं।