उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 25 सप्ताह की गर्भवती 13 वर्षीय किशोरी का गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है।
हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने यह अनुमति इस निर्देश के साथ दी है कि बालिका का गर्भपात एक मेडिकल बोर्ड की निगरानी में किया जाएगा।
यौन उत्पीड़न के कारण गर्भवती हुई बालिका के पिता ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और दून अस्पताल को सर्वोत्तम चिकित्सा प्रक्रिया के लिए निर्देश देने की प्रार्थना की थी।
दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐसे मामलों में अनुमति देने के निर्णयों, गर्भधारण की चिकित्सीय समाप्ति अधिनियम, 1971 और पीड़िता के पिता की लिखित सहमति का हवाला देते हुए अदालत ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम बनाकर गर्भपात की अनुमति दे दी।
मामले की प्रगति जांचने के लिए सुनवाई की अगली तारीख नौ दिसंबर तय की गयी है।