भारत में हर 9 में से एक व्यक्ति को अपने जीवन में कैंसर होने का खतरा बना हुआ है। इसका खुलासा आईसीएमआर एनसीडीआईआर की एक शोध से हुआ है। इस रिपोर्ट में मामलों की संख्या स्टैटिक एनालिसिस के साथ-साथ आबादी में जोखिम वाले व्यक्तियों की संख्या पर आधारित है।
अध्ययन आईजेएमआर में प्रकाशित हुआ है, जिसमें बताया गया है कि प्रत्येक 67 पुरुषों में से एक को फेफड़े के कैंसर का खतरा बना हुआ है। वहीं 27 में से 1 महिला को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बना हुआ है। वही एक अनुमान भी लगाया गया है कि 2022 में भारत में 14.6 लाख लोग कैंसर से प्रभावित थे, जिसमें फेफड़े और स्तन कैंसर पुरुष और महिलाओं में प्रमुख थे।
शोधकर्ताओं का कहना है कि कैंसर के मामलों में वृद्धि जनसंख्या की मोबिलिटी और बदलाव के कारण हुई है। भारत में वृद्धावस्था की आबादी में वृद्धि होने की उम्मीद है और विशेष रूप से उनका अनुपात 9.7 परसेंट होने की उम्मीद है ।
आपको बता दें कि सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए एचपीवी वैक्सीन विकसित की गई है, जो अगले साल तक लोगों के बीच में उपलब्ध होगी।
कैंसर से बचाव को लेकर रिसर्च ने कहा है कि अनुमानित कैंसर की घटनाओं में बदलाव जो जोखिम मामलों के निष्कर्षों में सुधार स्क्रीन कार्यक्रमों की शुरुआत और कैंसर का पता लगाने और उसके निदान तकनीकों पर ही निर्भर करता है।