अम्बाला
हरियाणा के स्वास्थ्य मन्त्री अनिल विज ने डीजीएचएस डा. डी.पी. लोचन एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में स्वास्थ विभाग के अन्र्तगत आने वाली सभी काऊंसिलों के गठन- कार्यप्रणाली पर गहन चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि 31 जनवरी 2016 तक ऐसी सभी काऊंसिलों के चुनाव करना उन्हें (विज) सारी कार्यवाही से अवगत कराने। चुनावी प्रक्रिया को पूरा करने के लिएदिनेश यादव एचसीएस को शक्तियां प्रदान की गई।
स्वास्थ मंत्री अनिल विज का हस्ताक्षरित यह पत्र जब सार्वजनिक हुआ तो इसमें छेड़-छाड़ की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। पत्र के अन्त में रजिस्ट्रार फार्मेसी काउंसिल नाम अलग प्रकार की हस्तलिखी में अन्तर स्पष्ट जान पड़ता है।
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया को अभी 17 महीने हुए (16.7.2014 को अधिसूचना के माध्यम से) ऐसे हरियाणा स्टेट फार्मेसी काउंसिल चेयरमैन का त्यौड़ी चढ़ाना स्वभाविक भी था। उन्होंने तुरन्त सरकार को उन द्वारा अपनाई चुनावी प्रक्रिया की सारी जानकारी उपलब्ध करवाते हुए पत्र के माध्यम से लिखा कि फार्मेसी काउंसिल पर राज्य सरकार का कोई सरोकार नहीं। वे तो केन्द्रीय बॉडी का अंग हैं। राज्य सरकार द्वारा कोई आर्थिक मदद भी नहीं लेते हैं। कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु सरकार से अनुमति जरूर लेते हैं। उनकी सेलरी काउंसिल खाते से ही जाती है। चुनाव भी विधिवत करवाए जाते हैं। चुनावायुक्त नियुक्त करना भी चेयरमैन के अधीनस्त अधिकार है। अत: इस सरकारी पत्र का उनकी काउंसिल बारे नजर रखना अनुचित है। अन्य काउंसिलों बारे उनके संविधान अनुसार चुनाव करवाए जाएं। काउंसिल चेयरमैन ने कहा कि समय रहते चुनाव करवाए जाएंगे।