चंडीगढ़ स्थित दवा कंपनी पैराबोलिक ड्रग्स और उसके प्रमोटरों के कई परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत ये कार्रवाही की गई है। ईडी ने दिल्ली, अंबाला, चंडीगढ़, पंचकूला सहित 17 ठिकानों पर छापेमारी की है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इनके खिलाफ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर 1626.74 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड का आरोप है। पैरबोलिक ड्रग्स कंपनी का ऑफिस चंडीगढ़ सेक्टर 8 में स्थित है। कंपनी के प्रमोटर्स प्रणव और विनीत गुप्ता रोहतक, हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी के को- फाउंडर भी हैं। दीपाली गुप्ता, रमा गुप्ता, जगजीत सिंह चहल, संजीव कुमार, वंदना सिंगला, इशरत गिल और इसके गारंटर टीएन गोयल और निर्मल बंसल और जेडी गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
ये भी पढ़ें- 40 लाख रुपये की नकली एंटीबायोटिक दवाएं, गर्भपात कराने वाली दवाएं जब्त
ईडी की ये कार्रवाही सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से हुई फ्रॉड से संबंधित है। आरोपों के मुताबिक इन्होंने फार्मास्यूटिकल कंपनी के लिए इन बैंकों से करोड़ों रुपए का लोन लिया है और उसका गलत इस्तेमाल किया गया है। सीबीआई अधिकारियों ने बताया है कि निजी कंपनी दवाओं के निर्माण में लगी थी और कथित तौर पर आपराधिक साजिश और जालसाजी के माध्यम से बैंकों के संघ को धोखा दिया।