जयपुर। किडनी ट्रांसप्लांट करने के बाद मरीज के इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया है। फोर्टिस अस्पताल अब जांच घेरे में फंस गया है। मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही और गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है। इस पर जवाहर सर्किल थाना पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।
यह है मामला
जानकारी अनुसार नरेश कुमार जायसवाल 47 वर्ष का 23 मार्च को किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था। इसमें उन्हें अपनी मां की किडनी दी गई थी। एक सप्ताह बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मरीज के भतीजे नमन ने बताया कि हमने चाचा की सभी जांच करवाई उसमें कुछ नहीं आया। इसके लिए अस्पताल ने हमसे बाहर से जांचे करवाने के लिए 5 हजार रूपए भी लिए थे। इसके बावजूद चाचा की तबियत लगातार बिगड़ी रही।
किडनी बदलने पर भी हो गई मौत
19 अप्रैल को उन्हें छुट्टी देने वाले थे, लेकिन उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। इसके साथ ही उन्हें इंजेक्शन भी दिया गया, जिससे उनकी और तबीयत बिगड़ गई। थोड़ी देर बाद दूसरा इंजेक्शन लगाया और उनकी मौत हो गई।
ट्रांसप्लांट किया है या नहीं, इसकी जांच की मांग
परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि इन्होंने ट्रांसप्लांट किया है या नहीं, इसकी जांच होनी चाहिए। वहीं, इस मामले में जवाहर सर्किल थाना के इंचार्ज विनोद सांखला ने कहा कि परिजनों की शिकायत पर बोर्ड बनवाकर इसकी जांच करवाई जाएगी।
उधर, अस्पताल प्रशासन का भी कहना है कि मरीज का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। बाद में मरीज की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। अब परिजनों की शिकायत पर जांच करवाएंगे। इससे मौत के कारणों का पता चल सकेगा।
उधर, अस्पताल में हंगामा बढ़ते देख पुलिस ने परिवार को समझाया। इसके बाद परिजन जयपुरिया अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराकर ले गए।