मेरठ। बुखार और शुगर समेत कई जरूरी दवाइयां फिर महंगी हो गई हैं। फार्मा कंपनियों ने बड़ी संख्या में दवा की कीमत पांच से लेकर 27 रुपये तक बढ़ा दी है।

बता दें कि सरकार ने एक अप्रैल से राष्ट्रीय आवश्यक दवा सूची के अनुसार 800 दवाओं के दाम बढ़ाए थे, लेकिन इससे अलग भी दवा कंपनियों ने कुछ दवाओं के दाम बढ़ा दिए। ली। जिन दवाओं की कीमत में वृद्धि हुई है, उनमें पेन किलर, एंटीबायोटिक, एंटी इंफेक्शन आदि दवाएं शामिल हैं।

ये ब्रांडेड दवाइयां भी हुई महंगी

ब्रांडेड दवाइया भी महंगी हो गई हैं। इनमें ब्लड प्रेशर की एमटास एटी, पेट की विजिलेक, कोलेस्ट्राल की क्लाविक्स एएस, शुगर की ग्लूमस्टार पीएम-2 व ग्लूकोनीन-जी फोर्ट दवाएं शामिल हैं। डायजीन 100 एमएल सिरप सात रुपये महंगी हो गई है।

ब्लड प्रेशर की दवा 27 रुपये महंगी हो गई। बुखार की दवा जीरोडॉल एमआर की कीमत में 11 रुपये की वृद्धि हुई है। इटीजोल की कीमत सात रुपये बढ़ी है। दवा कारोबारियों का कहना है कि नई कीमतें एक अप्रैल से लागू हो गई थीं लेकिन उनके पास पुराना स्टाक होने से इसका असर कम पड़ा था। अब ग्राहकों को अधिक दाम देने पड़ रहे हैं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि माल-भाड़ा ढुलाई और दवा निर्माण में इस्तेमाल होने वाला केमिकल महंगा हुआ है। इस कारण भी कुछ दवाओं के दाम में वृद्धि हुई है।

इन दवाओं की कीमतें बढ़ीं

दवा                            पुराना दाम        नया दाम
पैन-40                        165                 170
रोसयुवास-10                 312                  339
एम्लोकाइंड एटी                49                      53
जीरोडॉल एमआर              108                   119
आरसीटेल नैनो                381                     491
ईटीजॉल 0.25                 67                     74
डीलीजिम एसआर              191                  210
डायजीन सिरप                  168                  175
एमटास एटी                      124                  155
विजिलेक                        65                   83.70
ग्लूमस्टार पीएम-2              110                   125
क्लाविक्स एएस-75             84                     92
ग्लूकोनोन जी फोर्ट               255                   274
(नोट-दवा कीमत प्रति पत्ता है)

सहायक आयुक्त ड्रग अरविंद गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय आवश्यक दवा सूची में शामिल दवाओं के दाम सरकार तय करती है। उस सूची से बाहर की दवा का दाम कंपनियां तय करती हैं। तय से ज्यादा कीमत में दवा बेचने पर स्टोर संचालक पर कार्रवाई की जाएगी।