नई दिल्ली। एंटीबायोटिक दवाओं के लिए भारत के खाद्य सुरक्षा नियामक (एफएसएसएआई) ने सख्त नियम बना दिए हैं। मांस उत्पादों, दूध उत्पादों, पोल्ट्री, और जलीय कृषि के लिए एंटीबायोटिक्स अवशेष मानदंडों को कड़ा कर दिया है। अधिक दवाओं को अपनी निगरानी सूची में डाल दिया है। यह कदम सुपरबग की बढ़ती समस्या से के चलते उठाया गया है। बैक्टीरिया और कवक ने दवा के दुरुपयोग के कारण एंटीबायोटिक दवाओं और अन्य दवाओं के प्रति प्रतिरोध विकसित कर लिया है।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित संशोधित सीमाएं 1 अप्रैल, 2025 से लागू होंगी। यदि इसे सख्ती से लागू किया गया तो ये नियम सख्त अवशेष और दूषित सीमाएँ निर्धारित करके उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित खाद्य उत्पाद सुनिश्चित करेंगे।

उपभोक्ता संरक्षण संघ (सीपीए) के कार्यकारी अध्यक्ष जॉर्ज चेरियन ने कहा कि यह विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है और रोगाणुरोधी प्रतिरोध से निपटने में मदद करता है।