हैदराबाद (तेलंगाना)। अवैध दवा की बिक्री और भ्रामक विज्ञापनों पर कार्रवाई की गई है। ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (डीसीए) ने विशेष अभियान मेेंं बिना लाइसेंस वाले मेडिकल प्रैक्टिशनर्स, अनधिकृत दवा बिक्री और भ्रामक विज्ञापनों को लेकर कार्रवई की। राज्य भर में कुल 13 ठिकानों से दवाएं जब्त की गई।
अधिकारियों ने सिद्दीपेट जिले के बेगमपेट गांव में एक झोलाछाप के क्लीनिक पर रेड की। यहां अवैध रूप से दवा का भंडारण किया गया था। मारुति फस्र्ट एड सेंटर के नाम से के. रामंजनेयुलु द्वारा संचालित इस क्लीनिक में बिना वैध ड्रग लाइसेंस के 14 तरह की दवाइयां मिली। इन दवाओं में लाइनज़ोलिड और एमोक्सिसिलिन जैसे एंटीबायोटिक शामिल हैं। जब्त किए स्टॉक की कीमत 30 हजार रुपये बताई गई है।
दूसरे मामले में, टीम ने मालकपेट में दावाफर-एक्सटी टैबलेट (फेरस एस्कॉर्बेट, फोलिक एसिड और जिंक) जब्त की। इसे खाद्य लाइसेंस के तहत न्यूट्रास्युटिकल उत्पाद के रूप में गलत तरीके से बेचा जा रहा था। दिल्ली में विक्स फार्मा इंटरनेशनल द्वारा निर्मित इन टैबलेट को दवा के रूप में वर्गीकृत किया था। वहीं, असत्यापित औषधीय दावों को बढ़ावा देने वाले भ्रामक विज्ञापनों पर भी कार्रवाई की गई।
अधिकारियों ने 11 उत्पादों को जब्त कर लिया, जो मासिक धर्म संबंधी विकार, मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और गठिया जैसी बीमारियों को ठीक करने का झूठा दावा करते थे। डीसीए ने 28 रक्त केंद्रों का निरीक्षण भी किया और 14 केंद्रों पर उल्लंघन पाया गया। इनमें से चार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।