मुंबई। फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) ने मोटापा कम करने वाली दवा Danuglipron पर काम रोक दिया है। यह फैसला एक क्लीनिकल ट्रायल के दौरान सामने आए गंभीर साइड इफेक्ट के बाद लिया गया है। बताया गया कि एक मरीज को इस दवा से संभावित लिवर डैमेज हुआ, जिसे देखते हुए कंपनी ने दवा के मौजूदा वर्जऩ पर आगे कोई ट्रायल न करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि मोटापा कम करने वाली दवाओं का बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। कोविड वैक्सीन और दवाओं की मांग घटने के बाद फाइजर नए बिजनेस सेक्टर की तलाश में था और इसमें मोटापा एक बड़ा फोकस था। लेकिन अब Danuglipron को रोकने के फैसले से कंपनी को बड़ा नुकसान हो सकता है।
इस क्षेत्र में Pfizer के मुकाबले Eli Lilly और Novo Nordisk जैसी कंपनियां पहले से बाज़ार में मजबूत स्थिति में हैं। Lilly की दवा ‘Zepbound’ जैसी इंजेक्शन से मोटापा घटाने वाली दवाएं बाज़ार में उपलब्ध हैं। Lilly एक गोली पर भी काम कर रही है, जो अब ट्रायल के आखिरी चरण में पहुंच चुकी है। AstraZeneca और Structure Therapeutics जैसी दूसरी कंपनियां भी इस रेस में हैं।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब Danuglipron को लेकर Pfizer को मुश्किलों का सामना करना पड़ा हो। पिछले साल कंपनी ने इस दवा के दिन में दो बार ली जाने वाली वर्जऩ पर काम बंद कर दिया था, क्योंकि मरीजों को मिचली और उल्टी जैसे साइड इफेक्ट्स हुए थे और कई ने ट्रायल छोड़ दिया था। इससे पहले भी फाइजर को एक और मोटापा कम करने वाली दवा का ट्रायल बंद करना पड़ा था, क्योंकि वह भी लिवर से जुड़ी समस्याओं से जुड़ी पाई गई थी।
Danuglipron को रोकने के बाद अब Pfizer पर निवेशकों का दबाव बढ़ गया है। कंपनी के CEO अल्बर्ट बोरला ने कई बार कहा है कि उनकी दवा ग्रोथ पाइपलाइन में भविष्य की ग्रोथ की काफी संभावना है।