नई दिल्ली। शुगर दवा ओजेम्पिक का 156 करोड़ रुपये का घोटाला प्रकाश में आया है। पटियाला हाउस ने कारोबारी की अग्रिम जमानत रद्द कर दी है। अदालत ने ओजेम्पिक के अंतरराष्ट्रीय फर्जीवाड़े में कारोबारी विक्की रमांचा को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ लालेर ने कहा कि अमेरिका में नकली दवाएं भेजने से जुड़ा गंभीर स्वास्थ्य जोखिम है। यह इस स्तर पर जमानत देने के अनुकूल नहीं है। अदालत ने कहा कि भारत का दवा उद्योग एक रणनीतिक राष्ट्रीय संपत्ति है। इसे आपराधिक शोषण से बचाना बेहद जरूरी है। नकली दवाओं की आपूर्ति सीधे जनस्वास्थ्य पर हमला है।
अमेरिकी कंपनी अश्योर ग्लोबल एलएलसी ने रमांचा पर आरोप लगाया कि उन्होंने अमेरिका में नकली ओजेम्पिक दवाएं सप्लाई कीं। रमांचा ने 1.25 लाख डोज की सप्लाई के लिए अनुबंध किया था।

जब खेप अमेरिका पहुंची तो जांच के बाद दवाओं को नकली और मिलावटी घोषित कर जब्त कर लिया गया। इसके बाद मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को सौंपा गया। इसने कोर्ट के 29 मई 2025 के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज की।