नई दिल्ली। स्तन कैंसर के इलाज में कार्बोप्लाटिन दवा बेहद कारगर हो सकती है। परीक्षण में इसके उत्साहजनक परिणाम दिखे हैं। टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) के नए अध्ययन में यह बात कही गई है। यह दवा बेहद कम लागत वाली है। कीमोथेरेपी दवा कार्बोप्लाटिन को उपचार में शामिल करने से ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों में इलाज की संभावना में उल्लेखनीय सुधार होता है। टीएनबीसी स्तन कैंसर का गंभीर रूप है।
इस रेंडेमाइज्ड चरण परीक्षण में 2010 से 2020 के बीच मुंबई के टीएमसी में चरण टीएनबीसी वाली 720 महिलाओं पर शोध किया गया। निदेशक डा. सुदीप गुप्ता ने बताया कि सभी रोगियों को सर्जरी से पहले उनके ट्यूमर को कम करने के लिए मानक कीमोथेरेपी दी गई।
प्लैटिनम समूह के रोगियों को साथ ही आठ सप्ताह तक सप्ताह में एक बार कार्बोप्लाटिन इंजेक्शन भी दिया गया। कार्बोप्लाटिन सस्ती कीमोथेरेपी दवा है। इसका इस्तेमाल अक्सर अन्य कैंसर के लिए किया जाता है। कीमोथेरेपी के बाद, सभी मरीजों की सामान्य रूप से सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी की गई।
इलाज में कार्बोप्लाटिन को शामिल करने से कोई बड़ा अतिरिक्त दुष्प्रभाव नहीं हुआ। पाया गया कि इस दवा का 50 वर्ष से कम आयु के रोगियों पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा। वहीं, अधिक आयु के रोगियों पर इसका कोई विशेष लाभ नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर के युवा मरीज इस उपचार से समान रूप से लाभान्वित होंगे। लेकिन यह विशेष रूप से भारत और अन्य देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जहां युवा मरीज अधिक संख्या में हैं।









