राजपुरा: 69वीं भारतीय फार्मास्युटिकल कांग्रेस (आईपीसी) के उद्घाटन अवसर पर राजपुरा स्थित चिटकारा यूनिवर्सिटी कैंपस में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पंजाब के राज्यपाल वीपी बदनौर ने कहा कि नकली दवाओं का धंधा रोकने में फार्मासिस्ट अहम भूमिका निभा सकता है। भारत नकली दवाओं के क्षेत्र में बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। इसे कम करने के लिए फार्मासिस्ट की भूमिका नियामक एजेंसियों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। फार्मासिस्ट दवाओं के प्रयोग में सबसे पहली कड़ी होते हैं वे नकली दवाओं का पता लगाने में मदद करइसे रोक सकते हैं।
सम्मेलन की शुरुआत देश में दवा उद्योग की मौजूदा स्थिति पर विशेषज्ञों के व्याख्यान से हुई। फार्मा कांग्रेस में सैकड़ों विदेशियों सहित करीब 10 हजार से अधिक प्रतिनिधि पहुंचे। अच्छी गुणवत्ता की गोली बनाने के लिए जरूरी कौशल और इच्छाशक्ति थीम पर आधारित व्याख्यान में खुलकर मंथन हुआ। 24 दिसंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में केंद्र फार्मा एजुकेशन, फार्मेसी प्रेक्टिस और उद्योग से जुड़े नियम कानूनों विशेष फोकस रहेगा। राज्यपाल, वीपी सिंह बदनौर ने फार्मा प्रोफेशनल्स और उद्योगपतियों से अपील की कि वे देश की गरीब जनता को ध्यान में रखते हुए किफायती मूल्य की दवाओं का उत्पादन करें। ग्रामीण इलाकों में औषधियों की आपूर्ति पर जोर दिया जाए। फार्मासिस्ट देश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए गांवों तक गुणवत्तापरक दवाओं की पहुंच बनाने में सहयोग करें।