लखनऊ (उप्र)। गर्भवती महिला को एक्सपायर ग्लूकोज चढ़ाने पर कार्रवाई करने का मामला प्रकाश में आया है। काकोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिला को एक्सपायर ग्लूकोज चढ़ा दिया गया। इस पर दो स्टाफ नर्स और एक फार्मासिस्ट पर कार्रवई की जा रही है। तीन सदस्यीय कमेटी ने मामले की जांच पूरी कर ली है और तीनों को दोषी पाया है। कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी है।

पीडि़ता के जेठ नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि काकोरी के नरौना गांव निवासी उनके भाई की पत्नी काजोल गर्भवती थी। उसे दर्द हुआ तो सीएचसी में भर्ती कराया। ऑपरेशन से प्रसव हुआ। ऑपरेशन के बाद प्रसूता को वार्ड में शिफ्ट किया गया था। अगले दिन सुबह प्रसूता की अचानक हालत बिगडऩे लगी।

परिजनों का आरोप है कि एक्सपायर डेट का ग्लूकोज चढऩे से प्रसूता की तबीयत बिगड़ी थी। प्रसूता के मुंह से झाग निकलने लगा था। आननफानन में महिला को क्वीन मेरी शिफ्ट किया गया। लापरवाही से गुस्साएं परिजनों ने डायल 112 पर सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाकर शांत कराया था। पीड़िता के परिवारीजनों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर दोषी स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

घटना को गंभीरता से लेते हुए सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की। घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स और फार्मासिस्ट के भी बयान दर्ज किए गए।

सीएमओ डॉ एनबी सिंह ने बताया कि कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। ऑपरेशन थिएटर की इंचार्ज स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट और ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स को दोषी पाया गया है। इसमें एक नर्स का ट्रांसफर किया जा सकता है। बाकी दो कर्मचारियों को खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।