जालौन। कफ सिरप के अवैध कारोबार में अल्ट्राफाइन फर्म पर एफआईआर दर्ज की गई है। औषधि विभाग ने कोडीनयुक्त खांसी की दवा के अवैध कारोबार का बड़ा मामला उजागर किया है। औषधि निरीक्षक डॉ. देवयानी दुबे ने मेसर्स अल्ट्राफाइन केमिकल्स उरई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
फर्म के प्रोपराइटर उमेश चंद्र चतुर्वेदी पर PHENCYPIK-T SYRUP (100 ml) की बड़ी मात्रा में अवैध खरीद-फरोख्त करने का आरोप है। आरोपी इस बारे में कोई वैध कागजात नहीं दिखा सका। यह खुलासा हुआ कि लखनऊ स्थित M/S Idhika Lifesciences फर्म ने अल्ट्राफाइन केमिकल्स को 21,000 शीशियां आपूर्ति की थीं।
31 अक्टूबर को औषधि निरीक्षक डॉ. दुबे ने फर्म का निरीक्षण किया। इस दौरान दवा का कोई स्टॉक नहीं मिला। न ही विक्रय से संबंधित कोई अभिलेख मिले। पूछताछ में प्रोपराइटर ने दवा की खरीद स्वीकार की, लेकिन पूर्ण जानकारी और बिल उपलब्ध नहीं करा सके। बाद में दिए गए दस्तावेज भी अपूर्ण पाए गए। औषधि विभाग ने मौके पर ही फर्म के औषधियों के क्रय-विक्रय पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया।
3 और 4 नवंबर को विभाग ने उन मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया। मोर मेडिकल स्टोर, विवेक फार्मा, उल्फत मेडिकल और ललित मेडिकल स्टोर ने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसी कोई औषधि नहीं खरीदी है। उनके नाम पर जारी किए गए बिल फर्जी हैं।
इस खुलासे के बाद, सहायक आयुक्त (औषधि), झांसी मंडल और औषधि अनुज्ञापन एवं नियंत्रण प्राधिकारी, लखनऊ के निर्देश पर उरई कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई। औषधि निरीक्षक डॉ. देवयानी दुबे ने बताया कि यह मामला अत्यंत गंभीर है। कोडीनयुक्त औषधियों का दुरुपयोग नशे के रूप में किया जा रहा था। विभाग ने तत्काल कार्रवाई कर प्राथमिकी दर्ज कराई है ताकि दोषियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जा सके।










