जालंधर (पंजाब)। मरीज को प्रतिबंधित दवा देने पर निजी अस्पताल पर जुर्माना लगा है। उत्तर भारत के विख्यात पटेल अस्पताल पर उपभोक्ता फोरम ने साढ़े सात लाख जुर्माना लगाया है। अस्पताल की चिकित्सकीय लापरवाही के कारण नितिका कौशल को गंभीर नुकसान हुआ। इसके चलते जिला उपभोक्ता फोरम ने अस्पताल को 7,50,000 रुपये मुआवजा देने का आदेश सुनाया है। साथ ही शिकायतकर्ता को 20 हजार रुपये न्यायालय शुल्क भी भुगतान करने का निर्देश दिया है।

यह है मामला

नितिका कौशल निवासी लदौड़ी नूरपुर ने शिकायत में कहा गया कि जुलाई 2022 में पेट दर्द शुरू हुआ। उसने पटेल अस्पताल में उपचार करवाना शुरू किया। अस्पताल ने उसे पेट और गुर्दे की पथरी बताकर ऑपरेशन किया। हालांकि करीब डेढ़ महीने तक भर्ती रहने के बावजूद नितिका की सेहत बिगड़ती गई। उसका क्रिएटिनिन स्तर बढ़ गया और उसे लगातार डायलिसिस करवाना पड़ा।

उसकी किडनी को नुकसान हो गया। अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे दर्द के समय प्रतिबंधित दवाएं दीं। इससे उसका स्वास्थ्य और खराब हुआ। यह दवाईयां दी नहीं जा सकती थी। फोरम ने चिकित्सा विशेषज्ञ की राय लेने पर पाया कि मरीज की स्थिति में सुधार न होने का मुख्य कारण चिकित्सकीय लापरवाही थीं। इस आधार पर फोरम ने अस्पताल को मुआवजा देने का आदेश दिया है।