महाराजगंज। अवैध रूप से कैमिस्ट शॉप के संचालन की जांच करने पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो वहां किरयाना स्टोर देखकर दंग रह गई। ऐसे मेें पुलिस को अवैध तरीके से दवा की दुकान चलाने वाले आरोपियों को बिना कार्रवाई के छोड़ना पड़ा। यह वाक्या है नेपाल सीमा का, जहां प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार करने वाले फर्जी दवा विक्रेताओं धड़ल्ले से अपना कारोबार चला रहे हैं। यहां भारतीय क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर के सामने करीब आधा दर्जन मेडिकल स्टोर संचालित हैं। तहसील प्रशासन को शिकायत मिली थी कि बिना लाइसेंस के चल रहे इन मेडिकल स्टोर पर नशीली दवाइयां बेची जा रही हैं। लगातार मिल रही शिकायत के आधार पर नौतनवां एसडीएम प्रेमप्रकाश अजोर के साथ सीओ धर्मेन्द्र कुमार यादव ने पुलिस बल के साथ दो मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की थी। लाइसेंस व दवा के कागजात बगैर मेडिकल स्टोर चलाने के आरोप में दोनों संचालकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और मामले की जांच तक पूरी रात थाने में बैठाए रखा।
अगली सुबह डीआई अशोक कुमार के साथ प्रभारी एसओ अंशुमान यदुवंशी और एसआई राजीव कुमार मौके पर पहुंचे तो पूरा मामला ही पलट गया। मेडिकल स्टोर्स की जांच की गई तो एक मेडिकल स्टोर में किरयाने का सामान मिला। जबकि दूसरा मेडिकल स्टोर खाली पाया गया। पुलिस ने इसकी सूचना एसडीएम नौतनवां के साथ सीओ को दी। यह बात सुनकर दोनों अधिकारी हैरान रह गए। आखिर में पुलिस ने दोनों मेडिकल स्टोर्स संचालकों को छोड़ दिया। इसी के साथ एसडीएम और सीओ की जांच पर सवाल भी खड़े होने लगे। लोग यह कहते सुने गए कि यह सब सिस्टम की मिलीभगत है। वहीं एसडीएम और सीओ का कहना है कि आरोपी संचालकों पर नजर रखी जा रही है। वे जल्दी ही सलाखों के पीछे होंगे।